नई दिल्ली। दिल्ली की एक महिला ने घाघरे के चक्कर में ब्राइडल फैशन डिजाइन स्टूडियों को आठ साल तक कोर्ट के चक्कर कटवाए। शादी के दिन दो इंच छोटा लहंगा पहनने को मजबूर दुल्हन ने शादी के बाद में स्टूडियो पर केस कर दिया। कोर्ट ने भी लड़की के पक्ष में फैसला देते हुए कहा है कि दुल्हन को इतने बड़े दिन अपने छोटे लहंगे के कारण शर्मिंदगी झेलनी पड़ी।
पैरो से ऊपर लंहगा
मामला दिल्ली के चांदनी चौक का है। यहां की एक लड़की ने अपनी शादी में पहनने के लिए एक ब्राइडल डिजाइन स्टूडियो से 64 हजार का एक लहंगा पंसद किया। शादी से पहले ट्रायल लेने जाने पर लहंगा पैरों से लगभग 2 इंच ऊपर उठा हुआ था। स्टूडियो वालों ने वादा किया कि वे शादी के दिन लहंगा एकदम ठीक करके भिजवा देंगे। युवती ने यकीन कर लिया और शादी की दूसरी तैयारियां में लग गई।
झेलनी पड़ी शर्मिंदगी
शादी के रोज यानी 13 जुलाई, 2008 को जब दुल्हन ने लहंगा पहनकर सकते में आ गई। लहंगा तब भी उतना ही छोटा था। साथ ही नीचे से छोटा-बड़ा भी था। शादी के दिन लिए कोई और ड्रेस भी तैयार नहीं थी। सारे गहने और मेकअप भी लहंगे को ध्यान में रखकर लिए गए थे। मरता क्या न करता की तर्ज पर दुल्हन ने पैरों से ऊपर उठा हुआ लहंगा पहनकर ही शादी की रस्में पूरी की।
लहंगे पर पैबंद
शादी के बाद महिला दोबार लहंगे को ठीक कराने के लिए स्टूडियो गई और उसने डिजाइनर स्टूडियो से लहंगा सुधारने की मांग की। स्टूडियो वालों ने शादी जैसे मौके पक दुल्हन को लहंगे को खराब करने के लिए माफी तो नहीं मांगी, उल्टा उससे लहंगा सुधारने के लिए पैसे अलग से मांग लिए। इसके बाद भी महिला को सुधरा हुआ वलहंगा लंबा करने की बजाए उसपर ऐसा कपड़ा जोड़ दिया, जो अलग से दिख रहा था।
परेशान आकर किया केस दर्ज
स्टूडियों की लापरवाही से तंग आकर महिला ने भड़क उठी और उसने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कर दी। पूरे आठ साल तक चले केस के बाद दिल्ली राज्य उपभोक्ता फोरम के न्यायिक सदस्य एन.पी कौशिक की पीठ ने कारोबारी मैसर्स रूप श्रृंगार को आदेश दिया है कि वह पीड़ित को लहंगे की राशि के साथ 50,000 रुपए का जुर्माना अलग से दे क्योंकि उसे इतने बड़े दिन लहंगे की वजह से शर्मिंदा होना पड़ा। आयोग ने यह भी कहा कि जबरन मुकद्दमेबाजी कर स्टूडियों ने सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया है। इसकी भरपाई के रुप में स्टूडियो 5 लाख रुपए राज्य उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करवाए।