गड़ासे का नाम सुनते ही एक आम आदमी के मन में सब्जी या मांस काटने वाले औजार का चित्र उभर जाता है। अगर आपसे ऐसा कहा जाए कि गड़ासे से मसाज किया जाता है तो यह सुनकर आप हैरान जरूर होंगे लेकिन यह बिल्कुल सही है। अभी तक तो आपने हाथों से, पैरों से या हाथी के पैरों से मसाज के बारे में सुना होगा। ताईवान में इस तरह की मसाज दी जाती है। किस तरह से की जाती है गड़ासे से मसाज इसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
ताईवान में है गड़ासा मसाज सेंटर
गौरतलब है कि ताईवान के ताईपे शहर में एक नाइफ एजुकेशन सेंटर है। हसियो मेई फांग जो की इस सेंटर के मालिक हैं। उनके अनुसार यह एक प्राचीन कला है। यहां काफी तेज धार वाले ब्लेड से लोगों की मसाज की जाती है। इसके लिये गड़ासे को साफ भी किया जाता है। एक बार किसी को मसाज देने के बाद उस गड़ासे को केमिकल से साफ किया जाता है। फांग ने बताया कि ये प्रचीन गड़ासे से मसाज करने की कला मूल रूप से चीन की है। चीन में कई सौ साल पहले नाइफ से मसाज की जाती थी।
सैंकड़ों साल पुरानी कला
फांग का कहना है कि यह 2500 वर्षों से भी ज्यादा पुरानी कला है। इस कला में पहले पूरे शरीर को कपड़ों से ढक दिया जाता है। उसके बाद गड़ासे से मसाज की जाती है। यहां तक कि चेहरे की मसाज भी गड़ासे से ही की जाती है। आपको बता दें कि इस मसाज में दो गड़ासों का प्रयोग किया जाता है। फांग ने बताया कि इस तरह की स्पेशल थेरेपी देने के लिये साधारण किचेन नाइफ का प्रयोग नहीं किया जाता है। थेरेपी के लिए जिस नाइफ का प्रयोग किया जाता है वह स्पेशल मसाज देने के लिये ही तैयार किये जाते हैं। एक युवक ने बताया कि वह जब इस मासाज पार्लर में पहुंचा तो पहले तो वो बहुत डर गया। उसने बताया कि हम लोग गड़ासे का प्रयोग मीट काटने के लिये करते हैं और यहां पर मसाज देने के लिये गड़ासे का प्रयोग किया जा रहा है। मसाज लेने वाली एक महिला ने बताया कि जब मैने नाइफ मसाज ली तो मुझे लगा कि मेरे शरीर से बिजली दौड़ रही है।