नई दिल्ली। नई चीजों के आविष्कार की प्रेरणा किसी को कहां से मिल जाए इसके बारे में कहा नहीं जा सकता है। आॅस्ट्रेलिया में शोध कर रही भारतीय मूल की छात्रा दीप्ति अग्रवाल ने अपने पिता के पैरों में लगी चोट से प्रेरणा लेते हुए एक ऐसे मोजे का आविष्कार किया जिससे इंसानों के पैरों में लगी चोट के बारे में जानकारी देगी। उन्होंने इस मोजे का नाम ‘सोफी’ दिया है। बताया जा रहा है कि इस मोजे में तीन सेंसर लगे हुए हैं इसके पहनने के बाद शरीर के वजन के आधार पर मामूली से मामूली चोटों की जानकारी फिजियोथैरेपिस्ट को मिल सकती है।
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया में स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में पीएचडी स्कॉलर दीप्ति अग्रवाल ने ‘स्मार्ट मोजे’ विकसित किए हैं। भारतीय मूल की दीप्ती अग्रवाल ने बताया कि वह कुछ ऐसा बनाना चाहती थी जिससे सुदूरवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को मामूली चोटों के इलाज के लिए शहरों का रुख न करना पड़े। बता दें कि दीप्ती को स्मार्ट मोजे बनाने का विचार अपने पिता के पैरों में लगी चोट के बाद आया जिसकी वजह से वह इलाज के लिए शहर जाने से असमर्थ हो गए थे।
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यहां बता दें कि दीप्ति ने इस मोजे का नाम सोफी रखा है। इसमें एक तकनीक के जरिए छोटा उपकरण लगाया गया है जो रोगी के पैरों के निचले हिस्से की रीयल टाइम जानकारी प्रदान कराता है। उन्होंने कहा कि इन मोजों की मदद फिजियोथेरेपिस्ट को आसानी होगी। इसका कारण है कि इसकी मदद से पैरों के तलवे की बारीक से चोट एवं अवस्थता का पता चल सकेगा। वह कुछ ऐसा बनाना चाहती थीं जिससे की पैरों के तलवे के बारे में भी सूक्ष्म से सूक्ष्म बीमारी का पता चल सके ताकि इससे आग चलकर मरीजों का बेहतर तरीके से इलाज हो सके।