भोपाल । करीब 25 साल तक पति-पत्नी की तरह साथ रहने के बाद एक जोड़े ने अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अब जाकर विधिवत शादी की है। यह अनोखी शादी हुई है मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में अंतर्गत आने वाले भैरोगढ़ गांव में। सरमन चिड़ार और कस्तूरी ने करीब 25 साल एक साथ गुजारने के बाद अब जाकर सात फेरे लिए। इतने साल साथ रहने के बाद और तीन जवान बच्चों के अभिभावक होने के बावजूद शादी की क्या जरूरत पड़ गई, जब इस बारे में इस 'नवदंपति' से पूछा गया तो इन दोनों ने कहा- अपने बच्चों के भविष्य के लिए हमने यह निर्णय लिया है। अब उनकी शादी में किसी तरह की कोई उल्टी-सीधी बात नहीं होगी।
ये भी पढ़ें- शादी में गूंजी क्रांति की शहनाई, शहीदों के नाम पर रखा मैन्यू, इंकलाब जिंदाबाद से कार्ड की शुरुआत
असल में 25 साल पहले सरमन और कस्तूरी ने साथ रहने का निर्णय लिया। उस दौरान इन दोनों ने कोर्ट में जाकर शादी की थी लेकिन अपने रीति रिवाजों के अंतर्गत विवाह नहीं किया था। अब इनके तीन बच्चे हैं, जो शादी योग्य हो गए हैं। इस दंपति का कहना है कि आने वाले समय में हमने भी बच्चों का विवाह करना है, लेकिन समाज के लोग कहते हैं कि कोर्ट मैरीज वाले दंपति कन्यादान नहीं कर सकते। ऐसे में हमने फैसला लिया कि भले ही उम्र को देखते हुए लोग हमारे शादी करने पर कुछ कहेंगे लेकिन हमने तय किया कि हम दोनों विधिवत रूप से और रीति रिवाजों के अनुसार, सात फेरे लेंगे ताकि किसी को कहने के लिए कोई बात न मिले। हालांकि 1992 में हमने कोर्ट मैरिज की थी लेकिन ऐसी शादी को यहां समाज नहीं मानता।
ये भी पढ़ें- गर्मी के मौसम में बाजार में मिल सकता है योगी आम, उत्तर प्रदेश के एक किसान ने उगाई आम की नई किस्म
इस दंपति का कहना है कि बच्चों की शादी कराने की उम्र में अपनी शादी करना जरूरी भी था। हमें अपने बच्चों की शादी भी इसी समाज में करनी है। उनके लिए वर-वधु भी इसी समाज में खोजना है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि इन दोनों ने भले ही अब जाकर रीति रिवाजों से शादी की हो लेकिन इससे पहले कुछ लोग तो बातें बना ही दिया करते थे। अब दोनों कानूनी रूप से और रीति रिवाजों के अनुसार भी एक दूसरे के पति-पत्नी हैं। ऐसे में आने वाले समय में इनके बच्चों की शादी में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आएगी।
एक नजर यहां भी..