जयपुर। हाल ही में राजस्थान में एक सरकारी अस्पताल का कर्मचारी बच्चे के शव के साथ उसके माता-पिता को भी मुर्दाघर में बंद करके सोने चला गया। यह मामला राजस्थान के प्रतापगढ़ स्थित सरकारी अस्पताल का है, जहां घायलावस्था में अस्पताल में भर्ती हुए बच्चे की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। बाद में अस्पताल का वॉर्ड ब्वाय बच्चे के शव के साथ मुर्दाघर में उसके माता रकमी और पिता रमेश को भी बंद करके चला गया।
मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (प्रतापगढ़) राधेश्याम कच्छावा ने इस पूरे घटना पर बताया कि वॉर्ड ब्याय रामप्रसाद धोबी को निलंबित करके उसे मौजूदा पद से हटाकर पदस्थापन का आदेश दे दिया गया है। निलंबन के साथ ही धोबी को जयपुर स्थित मुख्यालय में हाजिर होने के आदेश दिए गए हैं।
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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मृत बच्चे की इलाज के दौरान मौत होने पर बच्चे के शव को मुर्दाघर में ले जाया गया। वॉर्ड ब्याय की तरफ से बच्चे का शव मुर्दाघर में रखने के दौरान उसके माता पिता रकमी और रमेश भी साथ थे। दोनों ने शव के पास ही रहने की जिद पकड़ ली थी। उन्होंने बताया कि वार्ड ब्याय ने लापरवाही बरतते हुए बच्चे के पिता और मां को शव के पास ही छोड़कर बाहर से ताला लगाया और अस्पताल आ गया ।
अधिकारी ने कहा कि शव के साथ माता-पिता के अंदर होने की सूचना मिलते ही मुर्दाघर का ताला खोलकर दंपति को बाहर निकाला गया। दंपति करीब साढ़े तीन घंटे तक मुर्दाघर में अपने बच्चे के शव के साथ बंद रहे।
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उन्होंने बताया कि पुलिस अगले दिन सुबह अस्पताल पहुंची। परिजनों ने पुलिस से शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाने का अनुरोध किया जिसे पुलिस ने स्वीकार करके शव अन्तिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग इस पूरे मामले की जांच कर रहा हैं।