तिरूपति के मंदिर में सालों भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। अपने यहां चढ़ावों और लोगों की भीड़ की वजह से चर्चा में रहने वाला यह मंदिर कुछ दिनों के कुछ और वजह से सुर्खियों में है। इसकी वजह है यहां बांटा जाने वाला प्रसाद, यानी कि ‘लड्डू’।
श्रद्धालुओं के मिलता है रियायती दर पर प्रसाद
ऐसा कहा जा रहा है कि भगवान वेंकटेश्वर के पर्वतीय मंदिर को पिछले तीन सालों में 140 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया। इसकी वजह यहां बनने वाले लड्डू का रियायती दर पर मिलना और मुफ्त में बांटना है। आपको बता दें कि तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम यहां कई सालों से रियायती दर पर 25 रुपये प्रति लड्डू की दर से मिठाई बेच रहा है। जबकि उसकी इसे बनाने में 32.50 रुपये प्रति लड्डू की लागत आती है। बता दें कि देश के विभिन्न इलाकों से अपने वाले लाखों श्रद्धालुओं में तिरूमाला के पास बने विशाल रसोईघर में बनाये जाने वाले लड्डू की काफी मांग है।
मंदिर को हो रहा घाटा
मंदिर के सूत्रों की मानें तो साल 2016 में करीब 10 करोड़ रुपये के लड्डू बिके। उनका कहना है कि रियायती दर पर लड्डू बेचने से उन्हें नुकसान हो रहा है। इसके साथ ही निःशुल्क दर्शन करने वाले और कई घंटों तक कतारों में प्रतीक्षा करने वाले श्रद्धालुओं को प्रति लड्डू दस रुपये के हिसाब से दिया जाता है, जिससे करीब 23 करोड़ रूपये का घाटा हुआ। यहां यह भी बता दें कि करीब 11 किलोमीटर पैदल चलकर मंदिर आने वालों को मुफ्त में एक-एक लड्डू दिए जाते हैं इससे मंदिर को सालाना 22.7 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। इतने नुकसान के बाद ऐसी संभावना जताई जा रही है कि कहीं मंदिर लड्डू के दाम न बढ़ा दे। ऐसे में अगर आपने मंदिर के दर्शन अब तक नहीं किए हैं तो जल्दी कर लीजिए।