नई दिल्ली । कोलकाता के कुछ डॉक्टरों ने एक अलग ही कारनामा कर दिखाया है। असल में इन चिकित्सकों ने जन्म से विकृत कान , नाक , होठ की समस्याओं से जूझ रहे 25 लोगों की सफल सर्जरी कर इन्हें समस्याओं से निजाद दिलाई है। इन डॉक्टरों के ऐतिहासिक कार्य का मुख्य बिंदू यह रहा कि डॉक्टरों ने इन सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए एक बकरे के कान का उपयोग किया है। पीड़ित लोगों में से जहां कुछ को माइक्रोसिया था , जिसमें उनके कान जन्म से मुडे होते हैं, तो कुछ ऐसे मरीजों की सर्जरी की, जिन्हें होठ बीच में से कटे हुए थे।
असल में कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के डॉक्टरों ने इन 25 लोगों की जन्मजात विकृतियों को दूर करने के लिए सर्जरी की है। अस्पताल प्रबंधन ने अपने डॉक्टरों की सफलता के बारे में जानकारी दी, जिसमें कहा गया कि उन्होंने एक बकरे के कान का इस्तेमाल कर 25 मरीजों को बड़ी राहत दी। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ रूप भट्टाचार्य के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने 25 लोगों की जन्मजात विकृतियों को एक बकरे के कान की मदद से ठीक किया। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि 2013 में मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने बकरे के कान के जरिए सर्जरी को लेकर शोध किया था, जिसकी मदद से इन लोगों की समस्याओं का निदान किया गया।
अस्पताल की ओर से बताया गया कि बशीरहाट निवासी एक युवती का एक कान जन्म से ही मुड़ा हुआ था, डॉक्टरों की एक टीम ने उनकी सर्जरी करने के लिए बकरे के कान का इस्तेमाल किया। वहीं कुछ अन्य ऐसी ही मरीजों की सर्जरी की गई। कुछ मरीज ऐसे थे जिनके होंठ जन्मजात बीच से कटे हुए थे। इन लोगों की समस्या को भी सर्जरी करके ठीक किया गया है। प्लास्टिक सर्जरी करने वाले डॉक्टरों ने विकृत अंगो को कान से प्रत्यारोपित किया। पिछले कुछ दिनों में ऐसे 25 लोगों को राहत दी गई है और आने वाले समय में ऐसे कई अन्य मरीजों की सर्जरी की जाएगी।