नई दिल्ली। अभी तक तो आपने सिनेमा या टीवी सीरियल में भूतिया जगहोें बारे में देखा या सुना होगा लेकिन क्या आपको पता है कि अपने देश में ही ऐसी जगहें मौजूद हैं जहां आज भी कोई इंसान नहीं रहता है। इंसान की बात छोड़ें एक गांव तो ऐसा भी है जहां परिंदे तक नहीं जाते। राजस्थान में स्थित इन इलाकों में प्रशासन ने भी रात के समय लोगों के जाने पर रोक लगा रखी है। आइए इन गांवों के बारे में आपको हम बताने जा रहे हैं।
तांत्रिक ने दिया शाप
गौरतलब है कि राजस्थान में स्थित 16वीं शताब्दी के भानगढ़ किला को भूतिया माना जाता है। रात के वक्त यहां लोगों के जाने पर रोक लगी हुई है। इस किले की कहानी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। ऐसा कहा जाता है कि भानगढ़ किले को बसाने के बाद यहां करीब 300 सालों तक खूब फला-फूला लेकिन इसके बाद यहां की एक राजकुमारी रत्नबाला से उसी राज्य के एक तांत्रिक सिंधु सेवड़ा को एकतरफा प्रेम हो गया। राजकुमारी को अपने वश में करने के लिए वह कई तरह के काला जादू किया लेकिन उसके चक्कर में आकर खुद उसी की मौत हो गई। मरने से पहले उस जादूकर ने गांव को शाप दिया कि इस किले में रहने वाले सभी लोग अकाल मृत्यु का शिकार बनेंगे और उन्हें मोक्ष नहीं मिलेगा। यहां तक की उनकी आत्माएं भटकती रहेंगी। संयोग से उसके कुछ समय बात ही पड़ोसी राज्य ने भानगढ़ पर आक्रमण कर दिया और राजकुमारी सहित सभी भानगढ़ वासी मारे गए और किला वीरान हो गया।
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प्रशासन की ओर से मनाही
ऐसा कहा जाता है कि उस लड़ाई में मारे गए लोगों की आत्माएं मोक्ष नहीं मिलने के कारण रात को भानगढ़ के किले में भटकते हैं। भले ही इस बात को अफवाह कहा जाता है पर आज भी नगर प्रशासन की ओर से अंधेरा होने के बाद किसी को भी भानगढ़ के किले के भीतर या आसपास जाने की इजाजत नहीं है।
हाॅन्टेड विलेज कुलधरा
वहीं दूसरी तरफ भानगढ़ के किले की तरह जैसेलमेर का कुलधरा गांव की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। यह गांव अचानक एक रात में ही वीरान हो गया और उसके बाद गांव में कोई बस नहीं पाया। इसके सन्नाटे के पीछे भी इसकी एक अजीब दास्तान छुपी हुई है। आपको बता दें कि कुलधरा को हॉन्टेड विलेज कहा जाता है। पूरी तरह से सुनसान हो चुका ये गांव पहले ऐसा नहीं था। यहां के करीब 84 गांव पालिवाल ब्राह्मणों से आबाद हुआ करते थे लेकिन फिर इस गांव को किसी की बुरी नजर लग गई। कहानी कुछ ऐसी है कि रियासत के दीवान सलीम सिंह को गांव के एक पुजारी की बेटी पसंद आ गई और वो उससे जबरन शादी करने पर आमदा हो गया। उसने गांव वालों को चंद दिनों की मोहलत दी। अब ये लड़ाई एक बेटी के सम्मान के साथ गांव वालों के आत्म-सम्मान की बन गई। इसके बाद गांव की पंचायत में बैठक हुई और 5000 से ज्यादा परिवारों ने अपने सम्मान के लिए रियासत छोड़ने का फैसला ले लिया। इसके साथ ही कुलधरा ऐसा वीरान हुआ, कि आज परिंदे भी उस गांव की सरहद में दाखिल नहीं होते। कहते हैं गांव छोड़ते वक्त उन ब्राह्मणों ने इस जगह को श्राप दिया कि इस जगह पर कोई भी रह नहीं पायेगा। तब से ये कहा जाता है कि ये गांव भूतों के कब्जे में है।