वाशिंगटन। एलियंस और दूसरे ग्रह पर जीवन की संभावना इसांन के लिए हमेशा कौतूहल का विषय रही है। हालीवुड धरती पर प्रलय को लेकर कई फिल्मों का निमार्ण कर चुका है। नास्त्रेदमस की भी कयामत की भविष्यवाणियां चर्चित रही हैं। इन सबके चलते इंसान यह जानने को उत्सुक रहता है कि क्या पृथ्वी के अलावा भी किसी ग्रह पर जीवन संभव है। अब वैज्ञानिकों ने एक नई गैलेक्सी की खोज की है, जिसमें 7 ग्रह हैं। इसमें हमारे सूर्य की तरह एक सूर्य है औऱ वहां के ग्रहों में समुद्र भी हैं। पानी तरल रूप में मौजूद है यानी कि जीवन की पूरी संभावना है।
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7 ग्रहों वाली गैलेक्सी की खोज
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने हमारी धरती के साइज की 7 ग्रहों वाली गैलेक्सी की खोज करने का दावा किया है। इसके सूर्य को ट्रैपिस्ट-वन का नाम दिया गया है। स्पेस साइंस में इसे एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। अभी तक मानव जीवन के अनुकूल ग्रहों की खोज कम हुई है। विज्ञान पत्रिका नेचर जर्नल में छपे एक लेख के अनुसार नासा के स्पिटजर टेलीस्कोप के जरिए इन ग्रहों को खोजा गया है। बेल्जियम की लीजे यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक माइकल गिलोन ने इस लेख में कहा है कि इन ग्रहों में पानी मौजूद है। यह इस बात की तरफ इशारा है कि इन ग्रहों में जीवन हो सकता है।
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जीवन के बड़े संकेत हैं मौजूद
खास बात यह है कि यह सारे ग्रह हमारी धरती से काफी मेल खाते हैं। इनका साइज हमारी प्रथ्वी जैसा ही है। हमारी धरती की तरह ही इनमें से कम से कम 3 ग्रहों में समुद्र जैसी संरचनाओं में पानी की मौजूदगी दिख रही है। पानी हमारी धरती की तरह ही तरल रूप में मौजूद है। यही नहीं, इन ग्रहों का हमारी धरती की तरह अपना एक सूर्य भी है, जिससे ये प्रकाशमान रहते हैं। यहां पर इस सूर्य के कारण ऊष्मा भी रहती है, जो जीवन के लिए बहुत जरूरी है। ये सारे ग्रह पथरीले यानी रॉकी प्लैनेट हैं। यह चट्टानें सिलिकेट और विभिन्न धातुओं से बनी होती हैं।
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10 गुना बड़ा है वहां का सूर्य
नई गैलेक्सी का सूर्य हमारे सूर्य से 10 गुना बड़ा है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह सूर्य अभी बहुत युवा है औऱ गुलाबी रंग का है। इसी सूर्य की रोशनी से ट्रैपिस्ट-वन के ग्रह रोशन रहते हैं। संभावना थी कि यहां के सूर्य का रंग रंग गहरा लाल होगा, लेकिन इन्फ्रारेड होने के कारण इस लाल रंग का अधिकांश हिस्सा दिखाई नहीं देता है। यहां का सूर्य इतना युवा है कि अगर हमारी धरती के सूर्य का ईंधन खत्म भी हो जाए तब भी ट्रैपिस्ट-वन का सूर्य एक बच्चे की माफिक एनर्जी से भरपूर होगा। यह हमारे सूर्य की तरह ही तापमान को जीवन के अनुकूल रखता है।
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अब ऑक्सीजन की खोज
वैज्ञानिकों की टीम अब इस नई गैलेक्सी के ग्रहों में ऑक्सीजन की संभावना खोज रही है। यह भी पता लगाने की कोशिश हो रही है कि यहां के वातावरण में अणु कैसे हैं। ऑक्सीजन की मौजूदगी के बाद ही यहां जीवन की संभावना के बाकी लक्षणों के बारे में संकेत मिल सकेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले दस साल के में पता लगा लिया जाएगा कि वहां जीवन मौजूद है या नहीं। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर वहां अभी जीवन नहीं भी होगा, तो आगे चलकर इसकी संभावनाएं बन सकती हैं क्योंकि ट्रैपिस्ट-वन का सूर्य अभी बहुत युवा है।
वहां पर आंखों को होगी मुश्किल
वैज्ञानिकों ने इन ग्रहों के अघ्ययन के आधार पर कहा है कि वहां पर धरती की तुलना में देखना एक कठिन काम होगा। वहां सूर्य की रोशनी हमारे यहां के सूर्य की रोशनी की तुलना में 200 गुना कम होगी। एसे में वहां अगर कोई इंसान हो तो उसे हल्के अंघेरे या घुंधलके जैसा दिखाई देगा। वैज्ञानिकों का यह भी कहना है की इन्फ्रारेड के कारण वहां रहने वाले लोगों की आंखें भी सामान्य नहीं होंगी। यह कुछ विशेष हो सकती हैं। यह भी संभव है कि आंखें हों ही न और देखने के लिए किसी और चीज की मदद ली जाए।