सड़कों पर चलते हुए गड्ढे तो अक्सर ही मिलते हैं और इसके लिए हम सरकार को कोसते रहते हैं। इन गड्ढों के चलते दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। इसके बावजूद सड़कों की मरम्मत होने में सालांे का वक्त लग जाता है। अगर सड़कें ऐसी हों जो अपने गड्ढों को खुद ही भर ले तो आप क्या कहेंगे। जी हां, नीदरलैंड में वैज्ञानिकों ने ऐसी सड़क तैयार कर ली है। आइए जानते हैं इन सड़कों के बारे में।
गर्मी सोखने की वजह से टूटती हैं
दरअसल नीदरलैंड में वैज्ञानिकों ने जो सड़कें बनाई हैं उनके लिए उनपर इंडक्शन रोलर चलाना पड़ता है। ये तो हम सभी जानते हैं कि सड़क बनाने में कोलतार का उपयोग किया जाता है। सड़क पर कोलतार डालने के बाद आपने देखा होगा कि उसमें छोटे-छोटे छिद्र हो जाते हैं। इसकी वजह से ही यह शोर और गर्मी दोनों को सोख लेती है। ऐसी सड़कें जल्दी टूट जाती हैं और उनमें गड्ढे हो जाते हैं।
स्टील फाइबर मिलाकर तैयार किया सड़क
न्यूजीलैंड स्थित डेल्फ्ट यूनिवर्सिटी में एक्सपेरिमेंटल माइक्रो-मैकेनिक्स के प्रमुख डॉ. एरिक श्लेन्जन सेल्फ-हीलिंग कोलतार पर प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने स्टील फाइबर मिलाकर डामर की एक नई किस्म तैयार की है। यह सुचालक होती है। जब इस प्रकार के डामर से बनी सड़क पर साधारण इंडक्शन रोलर चलाया जाता है तो सड़क अपने गड्ढे और दरारें खुद-ब-खुद भर लेती हैं। नीदरलैंड में इस तरह के विशेष डामर से 12 सड़कें बनाई गई हैं। जो साल 2010 से काम कर रही हैं। स्टील फाइबर मिश्रित डामर हालांकि सामान्य डामर से 25 प्रतिशत महंगा होता है लेकिन यह लंबे समय के लिये काफी फायदेमंद है।
बैक्टीरिया करता है सड़क बनाने में मदद
मटेरियल्स साइंटिस्ट डॉ. श्लेन्जन ने बताया कि सामान्य सड़कों की लाइफ जहां 7-8 साल होती है वहीं इस डामर से बनी सड़कें इससे दोगुना चलती हैं। डॉ. श्लेन्जन की टीम कंक्रीट की सड़कों को लेकर भी एक्सपेरिमेंट कर रही है। उन्हें एक खास बैक्टीरिया की मदद से कंक्रीट रोड की मरम्मत करने में कामयाबी मिली है। यह बैक्टीरिया कैल्शियम कॉर्बोनेट प्रोड्यूस करता है। इससे सड़कों की दरारें और गड्ढे खुद-ब-खुद भर जाते हैं। उनमें कोई मटेरियल नहीं मिलाना पड़ता। अच्छी बात यह है कि इस किस्म का बैक्टीरिया 200 साल तक जीवित रहता है और इंसानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता।