मुंबई में रहने वाले ज्यादातर लोग सुख सागर रेस्त्रां को जानते हैं। लोग यहां पाव-भाजी का स्वाद लेने जरूर आते हैं। इस रेस्त्रां ने आज न सिर्फ मुंबई में बल्कि पुरी दुनिया में अपनी पाव-भाजी के जायके को पहुंचाया है लेकिन बहुत कम ही लोगों को यह पता होगा कि इसके पीछे काम करने वाले शख्स के बारे में। जी हां, सुरेश पुजारी। महज 4 रुपये से अपनी जिन्दगी शुरू करने वाले पुजारी ने सुख सागर रेस्त्रां को आज ग्लोबल बना दिया। आइए जानते हैं कैसे शुरू किया उन्होंने अपना सफर।
महज 4 रुपये महीने पर किया काम
आपको यह बात जानकर काफी हैरानी होगी कि सुरेश पुजारी किसी धनी परिवार से नहीं आते हैं। वो तो पैसे कमाने की चाहत में महज 10 साल की उम्र में मुंबई आ गए थे। यहां उन्होंने सिर्फ 4 रुपये महीने की तनख्वाह पर एक छोटे से ढाबे में काम करते थे। दो सालों तक ढाबे पर काम करने के बाद वे अपने रिश्तेदार की दुकान पर काम करने लगे। यहां काम करते हुए पुजारी ने बिजनेस की बारीकियां सीखीं।
गिरगांव चौपाटी पर खोली अपनी दुकान
अपने शुरुआती दिनों में सुरेश पुजारी 18-18 घंटे काम करते थे। सुरेश को पढ़ने की चाहत थी लेकिन वक्त नहीं मिलता था, इसके चलते वे रात को स्कूल जाने लगे। कुछ समय बाद सुरेश ने मुंबई के गिरगांव चौपाटी पर पाव-भाजी की एक दुकान खोली। उस दौरान इनकी दुकान पर दिग्गज नेता जार्ज फर्नांडिस आया करते थे। तब फर्नांडिस ट्रेड युनियन के अध्यक्ष हुआ करते थे।
मिडिल ईस्ट में भी हैं रेस्त्रां
पाव-भाजी की दुकान धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगी। इसके बाद सुरेश ने इसे बढ़ाने की सोची। आज पूरे भारत में सुख सागर की 20 शाखाएं हैं। उनका इसी नाम से आईसक्रीम पार्लर, शॉपिंग मॉल और तीन-स्टार होटल भी है। सुरेश ने मिडिल ईस्ट में भी अपने रेस्त्रां खोले हैं। अब जल्द ही वो अमेरिका में भी अपना रेस्त्रां खोलने का मन बन रहे हैं। आज मुंबई में बड़े से बड़े लोग सुरेश पुजारी को जानते हैं। आपको बता दें कि सुरेश ने आज अपनी मेहनत से वो मुकाम हासिल किया है जहां पहुंचने के लोग सपने देखते हैं।