नई दिल्ली। नीट-2018 की परीक्षा तमिल भाषा में देने वाले हजारों छात्रों को मद्रास हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने परीक्षा आयोजित कराने वाले संस्था सीबीएसई को जोर का झटका देते हुए परीक्षा में शामिल हुए छात्रों को 196 ग्रेस मार्क्स देने का आदेश दिए है। इसके साथ ही 2 हफ्ते के अंदर नई रैंकिंग लिस्ट जारी करने के निर्देश दिए हैं। राज्यसभा सांसद टीके रंगराजन द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने यह फैसला दिया है।
गौरतलब है कि तमिल के प्रश्नपत्रों में करीब 49 प्रश्नों का गलत अनुवाद किया गया था। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बैंच ने ने इस पर संज्ञान लेते हुए सीबीएसई को सख्त निर्देश देते हुए छात्रों को 196 ग्रेस मार्क्स देने का आदेश दिया है। यहां बता दें कि इस बार नीट की परीक्षा में करीब 24,500 छात्रों ने तमिल भाषा में परीक्षा दी थी।
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देश भर के सरकारी और निजी मेडिकल संस्थानों में एमबीबीएस व बीडीएस कोर्स में दाखिले के लिए नीट परीक्षा आयोजित की जाती है। सीबीएसई ने 6 मई, 2018 को यह परीक्षा आयोजित की थी। 4 जून को इसका रिजल्ट घोषित किया गया था। बता दें कि माकपा के राज्यसभा सांसद टी. के. रंगराजन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया था कि नीट प्रश्न पत्र में 49 सवालों का तमिल अनुवाद गलत किया गया है। इसके लिए उन्होंने इन प्रश्नों में स्टूडेंट्स को फुल मार्क्स देने की मांग की थी।