नई दिल्ली। केन्द्र सरकार के द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप प्रोग्राम के तहत राष्ट्रीय स्तर पर शोध को बढ़ावा देने के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इस प्रोग्राम के तहत आवेदन करने वालों में सबसे ज्यादा 73 फीसदी राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थानों (एनआईटी) छात्रों ने आवेदन किए हैं। बता दें कि इस प्रोग्राम के तहत फेलोशिप करने वाले छात्रों को पहले 2 साल में 70 हजार रुपये प्रति महीने के हिसाब से मानदेया दिया जाएगा, तीसरे साल में 75 हजार रुपये प्रतिमाह और चतुर्थ और पांचवें साल में 80 हजार रुपये प्रति महीने के हिसाब से मानदेय देने का प्रावधान किया गया है। इनके बावजूद अन्य संस्थानों के छात्र इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से आवेदन करने वालों की कम संख्या को देखते हुए यहां आवेदन करने की तारीख को 13 अप्रैल तक बढ़ा दिया इसके बावजूद यहां सिर्फ 1889 छात्रों ने आवेदन किया। वहीं, विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में देश के शीर्ष भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) से आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या 17 फीसदी से भी कम है।
यहां बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फरवरी में पीएमआरएफ को मंजूरी दी थी। इसका मकसद देश में विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शोध को बढ़ावा देना था। इसके तहत आईआईएससी, आईआईटी, आईआईआईटी, एनआईटी और आईआईएसईआर से विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी विषयों में बीटेक, एमटेक या एमएससी करने वाले छात्रों को मेरिट के आधार पर आईआईटी और आईआईएससी में पीएचडी कार्यक्रम में सीधे प्रवेश दिया जाना है। गौर करने वाली बात है कि इस साल करीब एक हजार छात्रों को फेलोशिप देने का लक्ष्य रखा गया है।