नई दिल्ली। प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल को रोकने और परीक्षा को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने के मकसद से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक बड़ा फैसला लिया है। यूजीसी नेट की पहली कंप्यूटर आधारित परीक्षा सफल रहने के बाद अब मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट 2020 में कागज और कलम के बजाय कंप्यूटर आधारित होगी। बता दें कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जेईई मेन परीक्षा के 8 जनवरी से शुरू हो रहे पहले राउंड की तैयारी पूरी कर ली है। परीक्षा में करीब साढ़े 9 लाख छात्रों के भाग लेने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने कहा कि यूजीसी नेट परीक्षा आॅनलाइन कराना नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की सबसे बड़ी सफलता है। बता दें कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 300 शहरों में 600 सेटरों पर बिना इंटरनेट सफल परीक्षा का आयोजन करवाई गई है। इस सफलता के बाद अब नीट परीक्षा को भी कंप्यूटर आधारित किया जा सकता है। कंप्यूटर आधारित होने से हाईटेक नकल पर लगाम लगेगी वहीं छात्रों को सवाल हल करने में भी आसानी होगी।
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यहां बता दें कि पिछले साल कई प्रतियोगी परीक्षाओं में हाईटेक नकल की खबरें सामने आई थी। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जेईई मेन परीक्षा का पहला चरण 8 से 12 जनवरी और दूसरा 6 से 12 अप्रैल तक चलेगा। छात्र दोनों परीक्षा में भाग ले सकते हैं, जिसमें से बेस्ट स्कोर आगे दाखिले में जुड़ेगा। एक अनिवार्य पेपर 10 शिफ्टों में आयोजित किया जाएगा इसमें 40 हजार जैमर लगेंगे जो हाईटेक नकल पर रोक लगेगी।