नई दिल्ली। अब आयुर्वेद, होम्योपैथिक और यूनानी शिक्षा हासिल करने के लिए नीट अनिवार्य होगा। आयुष विभाग के सचिव राजेश कटोच ने साफ कह दिया है कि अगले सत्र से सभी तरह के चिकित्सा कोर्स के लिए नीट अनिवार्य होगा। यहां बता दें कि एमबीबीएस के लिए नीट पहले से ही अनिवार्य है। छात्रों को कम से कम 50 फीसदी अंकों के साथ नीट परीक्षा पास करनी होगी।
मानकों में सुधार करना जरूरी
आपको बता दें कि कटोच ने बताया कि आयुष चिकित्सा की गुणवत्ता में सुधार लाने के मकसद से ऐसा किया जा रहा है। आयुष के तहत देश में उपरोक्त चिकित्सा पैथियों के करीब 750 मेडिकल काॅलेज हैं। वहीं करीब 150 काॅलेज अभी लंबित हैं। बता दें कि आयुर्वेद, होम्योपैथ और यूनानी की करीब 36 हजार सीटें हैं जिसके प्रवेश के लिए कोई कॉमन प्रवेश परीक्षा नहीं होती है। एमबीबीएस की तरह जब इन सभी चिकित्सा कोर्स साढ़े चार साल में पूरे होते हैं तो एमबीबीएस की तरह नीट इसमें क्यों नहीं लागू होना चाहिए।
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मुद्दों का होगा समाधान
यहां बता दें कि अगले सत्र से सभ्सी चिकित्सा कोर्स में प्रवेश के लिए नीट को अनिवार्य कर दिया है। कटोच ने कहा कि फिलहाल इसमें कुछ मुद्दे हैं जिसका जल्द ही समाधान करने पर विचार किया जा रहा है। अब मंत्रालय स्वेच्छा से अपनी तरफ से ये नियम लागू कर रहा है। आयुष में पीजी कोर्स में प्रवेश नीट के जरिए हो रहे हैं। यहां यह व्यवस्था पिछले साल से ही लागू कर दी गई है।