नई दिल्ली। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों को तैनात किया जाएगा। हालांकि विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि वे रेगुलर भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाएं, लेकिन साथ ही आदेश में कहा गया है कि केवल उन्हीं सेवानिवृत शिक्षकों को तैनात किया जाए जो शारीरिक रूप से स्वस्थ हों। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, गत बुधवार को इस संदर्भ में विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी किए गए हैं। दरअसल, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के करीब 40 फीसदी पद खाली हैं, जिन पर लंबे समय से नियुक्तियां नहीं हुई हैं।
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मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि विश्वविद्यालय तत्काल शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए पूर्व सेवीनिवृत शिक्षकों को खाली पदों पर तैनात करें। साथ ही उनके मेडिकल टेस्ट के आधार पर केवल कांट्रेक्ट पर ही भर्ती दें। नियुक्ति एक-एक साल के लिए होगी और हर साल स्वास्थय ठीक होने पर ही इसे विस्तारित किया जाएगा। मंत्रालय ने पहले ही आईआईटी और आईआईएम जैसे शीर्ष संस्थानों को 70 साल की उम्र तक शिक्षकों की सेवाएं लेने की अनुमति दे रखी है। शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु आईआईटी और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 65 साल है, लेकिन अब आईआईटी के फार्मूले को केंद्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को भी 70 साल की उम्र तक पढ़ाने की अनुमति दी जाएं, लेकिन शर्त है कि उनकी सेहत सही रहे।