Thursday, April 18, 2024

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12वीं के बाद काॅमर्स विषय लेकर आप दे सकते हैं अपने करियर को नई ऊंचाई, जानें क्या-क्या हैं आॅप्शंस

अंग्वाल न्यूज डेस्क
12वीं के बाद काॅमर्स विषय लेकर आप दे सकते हैं अपने करियर को नई ऊंचाई, जानें क्या-क्या हैं आॅप्शंस

नई दिल्ली। छात्रों के असल करियर की शुरुआत 12वीं के बाद ही होती है। यहीं से छात्र निश्चित करते हैं कि उन्हें किस क्षेत्र में आगे बढ़ना है। 12वीं के बाद छात्र अलग-अलग विषय लेकर अपने कार्यक्षेत्र को दिशा देते हैं। ऐसे में अगर आप काॅमर्स विषय को लेकर आगे बढ़ते हैं तो आपके करियर में कौन-कौन से आॅप्शन हो सकते हैं इसकी जानकारी हम आपको देते हैं। 

बैचलर्स ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए)

गौरतलब है कि कॉमर्स के छात्रों के बीच बीबीए काफी लोकप्रिय है। इसमें छात्रों को बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की बारीकियां सिखाई जाती हैं। यह कोर्स करने के बाद छात्र फाइनेंस, मार्केटिंग और एचआर में नौकरी पा सकते हैं।

बैचलर्स ऑफ कामर्स (बीकाॅम)

काॅमर्स विषय से तीन साल का स्नातक करने के बाद आप अकाउंटिंग फाइनेंस, ऑपरेशंस और कई क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते हैं।

बैचलर्स ऑफ कामर्स (ऑनर्स)


बैचलर्स ऑफ काॅमर्स (ऑनर्स) बी.कॉम से अलग होता है। जहां साधारण बी.कॉम तीन साल का होता है वहीं बैचलर्स ऑफ काॅमर्स (ऑनर्स) चार साल का होता है। इसमें छात्रों को संबंधित विषय पढ़ाने के साथ-साथ स्पेशलाइजेशन भी कराया जाता है। आॅनर्स के छात्र ई-कॉमर्स, बैंकिंग, मार्केटिंग मैनेजमेंट, ऑफिस मैनेजमेंट के अलावा और भी दूसरे क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं।

कंपनी सेक्रेटरी (सीएस)

इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया सीएस का कोर्स कराता है। हालांकि इसमें सिर्फ कॉमर्स के छात्र ही अप्लाई नहीं कर सकते हैं बल्कि विज्ञान और कला के छात्र भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। यह कोर्स फाउंडेशन, एग्जिक्यूटिव और प्रोफेशनल, तीन चरणों में होता है। सीएस बनने के बाद आपके पास रोजगार के कई विकल्प खुल जाते हैं। कंपनियों में नौकरी के अलावा स्वतंत्र प्रैक्टिस भी कर सकते हैं। केंद्र सरकार के लिए काम करने का मौका भी मिल सकता है।

चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए)

कॉमर्स कर रहे ज्यादातर छात्रों का सपना होता है कि वह चाटर्ड अकाउंटेंट बने। इसके लिए सबसे पहले सीपीटी (CPT) के लिए अप्लाई करना पड़ता है। सीपीटी में सफल होने के बाद छात्र अगले पड़ाव तक पहुंचते हैं। इसके तीन चरण होते हैं। सीए का कोर्स लंबा होने के साथ-साथ काफी कठिन भी होता है। एक सीए किसी कंपनी के सारे फाइनेंशियल मैटर्स देखता है। 

अगर आप भी काॅमर्स विषय के साथ स्नातक कर रहे हैं तो आपके सामने उपरोक्त सारे आॅप्शंस हैं। इन्हें चुनकर आप अपने करियर को एक नई ऊंचाई दे सकते हैं।

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