नई दिल्ली। मेडिकल और डेंटल कोर्स के लिए होने वाली परीक्षा एनईईटी (नीट) को अब दूसरी मेडिकल नर्सिग और पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए भी इस्तेमाल किए जाने की संभावना है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए अलग-अलग पक्षें से विचार विमर्श कर रहा है। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार नीट से ही आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी और सिद्ध कालेजों में प्रवेश को अनिवार्य किए जाने पर विचार चल रहा है।
कई तरह की परीक्षाओं से मिलेगी निजात
गौरतलब है कि सभी तरह की मेडिकल परीक्षा के लिए अगर ‘नीट’ जरूरी कर दिया जाता है तो छात्रों को हर क्षेत्र के लिए अलग से परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी। मेडिकल और डेंटल के बाद अब इसे फार्मेसी और पैरामेडिकल से जुड़े कई अन्य पाठ्यक्रम के अलावा नर्सिग कोर्स और वेटनरी डॉक्टरी के पाठ्यक्रम में भी दाखिले के लिए नीट लागू करने का प्रस्ताव है। मेडिकल कॉलेजों में चलने वाले बीएससी कोर्स में भी नीट से नामाकंन किया जा सकता है। इससे विद्यार्थियों को एक से अधिक प्रवेश परीक्षाओं से निजात मिलेगी। वहीं इससे मेडिकल पाठ्यक्रमों में योग्य उम्मीदवारों की ही भर्ती हो पाएगी।
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मंत्रालय कर रहा विचार
आपको बता दें कि अभी नीट को मेडिकल एवं डेंटल में नामाकंन के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है लेकिन दोनों पाठ्यक्रमों में नामाकंन के लिए कटऑफ अंक अलग-अलग होते हैं। ऐसे में नीट का अलग कटआॅफ बनाकर इसकी रेंकिंग का इस्तेमाल किया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय अभी आयुष मंत्रालय और दूसरे पक्षों से इस पर बात कर रहा है। अगर सहमति बन जाती है तो छात्रों को कई तरह की परीक्षा देने से निजात मिल जाएगी।