नई दिल्ली। नीट की परीक्षा देने वाले मुस्लिम छात्रों के लिए अच्छी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और सीबीएसई को 2018-19 में होने वाली नीट की परीक्षा में उर्दू को भी शामिल करने के आदेश दिए हैं। हालांकि इस बार होने वाली परीक्षा में उर्दू शामिल नहीं होगी। सीबीएसई ने कहा कि इस बार नीट की परीक्षा 7 मई को होने वाली है और इसके लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं। ऐसे में सिर्फ 11 हजार छात्रों के लिए इस बार इसे लागू करना मुश्किल है। इसे अगले साल से लागू करने पर विचार किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका
गौरतलब है कि नीट की परीक्षा उर्दू में कराने को लेकर एक इस्लामिक स्टूडेंट आॅर्गेनाइजेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार, मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया, डीसीआई और सीबीएसई को नोटिस जारी कर 10 मार्च तक जवाब देने को कहा था। आपको बता दें कि नीट की परीक्षा अभी तक हिंदी, इंग्लिश, गुजराती, मराठी, उड़िया, बंगला, असमी, तेलगु, तमिल और कन्नड़ में होती है।
अब राज्यों से उठी मांग
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा था कि अभी मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया और सीबीएसई ये कह रहे थे कि किसी भी राज्य ने उर्दू में परीक्षा कराने की मांग नहीं की है। अब महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे राज्यों से इसकी मांग उठने लगी है। इसके अलावा कुछ और भी राज्य हैं जो इस पर विचार कर रहे हैं।
अगले साल से उर्दू में होंगे प्रश्नपत्र
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में ये भी कहा कि मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया ने कहा था कि अगर कोई राज्य सरकार इसकी मांग करेगा तो वो विचार करेंगे। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अगले साल से छात्र उर्दू में भी नीट की परीक्षा दे सकेंगे।