नई दिल्ली । दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसी क्रम में डीयू के सिख कॉलेजों में भी दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जहां सिख छात्र-छात्राओं के लिए अलग से कोटा होता है। लेकिन इन कॉलेजों में दाखिला लेना कोई आसान काम नहीं है। क्या आप जानते हैं कि इन कॉलेजों में दाखिले के लिए सिख छात्रों को कुछ नियमों का पालन करना ही होता है। एसजीटीबी को छोड़कर डीयू से जुड़े सभी सिख कॉलेजों में 50 फीसदी सीटें आरक्षित होती हैं। इतना ही नहीं अगर इनमें माइनॉरिटी सर्टिफिकेट लगा दिया जाए तो छूट 5 फीसदी और बढ़ जाती है।
भले ही सिख छात्रों को इन कॉलेजों में दाखिला मिलने में आरक्षण मिल जाता हो लेकिन ऐसे सिख छात्रों को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी से माइनॉरिटी सर्टिफिकेट बनवाना पड़ता है। हालांकि किसी भी छात्र को यह सर्टिफिकेट देने से पहले उन्हें कुछ नियमों का पालन करना ही होता है। कमेटी ऐसे छात्रों को अपने मापदंडो पर परखती है, इसके बाद जाकर कहीं सर्टिफिकेट बनता है। तो चलिए हम बताते हैं कि आखिर क्या है सिख छात्रों के लिए मापदंड ।
1- एक हिंदी अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, लड़कियों के लिए जरूरी है कि उनके बाल कटे हुए न हों।
2- लड़कियों का सूट पहनना जरूरी है, चुन्नी ओढ़ना भी जरूरी है। अगर कोई छात्रा स्र्कर्ट या केप्री पहनती है तो उसका सर्टिफिकेट नहीं बनाया जाएगा।
3- किसी भी छात्रा के नाम के आगे कौर लगा होना अनिवार्य है । इतना ही नहीं सार्टिफिकेट बनवाने के लिए आने वाली छात्राओं को गुरमत का ज्ञान होना चाहिए।
4- वहीं लड़कों के लिए पगड़ी अनिवार्य है। इतना ही नहीं दाढ़ी भी कटी हुई नहीं होनी चाहिए।
5- छात्रों को सिख धर्म की पूरी जानकारी होनी चाहिए और नाम के आगे सिंह लगा होना चाहिए
बता दें कि अगर एक बार सर्टिफिकेट बनवाने के बाद किसी भी छात्र या छात्रा ने नियमों का उल्लंघन किया तो उसका सर्टिफिकेट रद्द कर दिया जाता है। इतना ही नहीं उसका दाखिला भी रद्द कर दिया जाता है।