नई दिल्ली।
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी कि सीबीएसई अपनी मूल्यांकन प्रक्रिया में जल्द ही बदलाव करने जा रहा है। इस बदलाव के बाद अब अगले साल से 10वीं के छात्रों को 5 की जगह 6 विषयों की पढ़ाई करनी पड़ेगी। बता दें कि अभी बोर्ड के बच्चों को दो भाषाओं सामाजिक विज्ञान, गणित और विज्ञान के पांच विषयों को पढ़ना पड़ता है।
अतिरिक्त विषय की पढ़ाई होगी अनिवार्य
गौरतलब है कि पहले 10वीं के छात्रों के पास इन पांच विषयों के अलावा एक अतिरिक्त विषय चुनने का विकल्प था। बता दें कि 2017-18 के शैक्षणिक वर्ष से इस अतिरिक्त विषय की पढ़ाई अनिवार्य कर दी जाएगी। राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा (एनएसक्यूएफ) के तहत कई स्कूलों में व्यावसायिक विषय की शिक्षा अनिवार्य विषय के तौर पर दी जा रही है। ऐसे स्कूलों के लिए केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में अपने मूल्यांकन के तौर तरीकों को बदलने का निर्णय लिया है।
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पूरक परीक्षा दे सकेंगे छात्र
नियमों के बदलाव को लेकर सीबीएसई ने कहा है, ‘‘अगर छात्र तीन वैकल्पिक विषयों विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित में से एक में भी फेल हो जाता है तो इसकी जगह पर इस विषय को प्रतिस्थापित किया जाएगा।’’ इसके बाद ही बोर्ड की परीक्षा का परिणाम घोषित किया जाएगा। हालांकि छात्र अगर फेल होने वाले विषय में परीक्षा देना चाहता है तो वह पूरक परीक्षा दे सकेगा।