नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी की संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) के एडमिशन और काउंसलिंग पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह आदेश परीक्षा के दौरान सभी अभ्यर्थियों को ग्रेस अंक दिए जाने को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। कोर्ट ने कहा एडमिशन की अनुमति बोनस अंक देने के मामले मे सुनवाई के बाद ही दी जा सकती है। बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और आईआईटी को नोटिस जारी कर इस बारे में जवाब मांगा था।
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दरअसल, जेईई एडवांस की परीक्षा के दौरान स्टूडेंट्स को कैमिस्ट्री के एक गलत सवाल के लिए 3 ग्रेस अंक और गणित के एक गलत सवाल के लिए 4 ग्रेस अंक दिए हैं। यह अंक सभी स्टूडेंट्स को दिए गए हैं। इस मामले में तमिलनाडु के वेल्लोर इलाके के एक छात्र ने सुप्रीम कोर्ट में ग्रेस अंक को चुनौती देते हुए मांग की है कि मेरिट लिस्ट फिर से तैयार की जाए।
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याचिका में छात्र ने कहा कि परीक्षा में उन स्टूडेंट्स को भी ग्रेस अंक दिए गए हैं, जिन्होंने उन सवालों को हल करने कोशिश भी नहीं की। छात्र के अनुसार, इससे मेरिट लिस्ट प्रभावित हुई है। इसलिए दोबारा मेरिट लिस्ट तैयार की जाए।
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कोर्ट में आईआईटी के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि करीब 2.5 लाख स्टूड़ेंट्स की उत्तर पुस्तिकाओं की दोबारा जांचना संभव नहीं है और ऐसे में बोनस अंक देना बहुत ही प्रैक्टिकल समाधान था। कोर्ट ने इस पर संकेत दिया कि वो अपने वर्ष 2005 में दिए गए फैसले को आगे बढ़ाएगा, जिसके तहत गलत सवाल पर उसे ही अंक दिया जा सकता है, जिसे सवाल को हल किया है। कोर्ट ने कहा कि ग्रेस अंक देने के मसला आईआईटी के सवालों की तरह मुश्किल और उलझन से भरा हुआ है। इस मामले में अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी।