Thursday, April 25, 2024

क्या आप जानते हैं पूजा में शंख की अहमियत, जानें कैसे करें इसका उपयोग, भूलकर भी ऐसा न करें 

अंग्वाल न्यूज डेस्क
क्या आप जानते हैं पूजा में शंख की अहमियत, जानें कैसे करें इसका उपयोग, भूलकर भी ऐसा न करें 

नई दिल्ली। भारत की संस्कृति विश्व की सबसे पुरानी संस्कृतियों में से एक मानी जाती है। भारत की संस्कृति में पूजा- पाठ का अपना अलग ही महत्व है । इसी क्रम में पूजा-पाठ के दौरान शंख की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है। पुरानी अवधारणाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि शंख माता लक्ष्मी के भाई हैं और उनकी उत्पत्ति समुद्र से हुई है । ऐसा कहा जाता है कि जिस घर के मंदिर में शंख रखा जाता है , उस घर में लक्ष्मी माता का वास होता है। हिंदू समाज में त्योहार, पूजा-पाठ समेत सभी प्रकार के मंगल कार्यों के अवसर पर शंख को बजाना शुभ माना जाता है। तो चलिए इस बार जानते हैं शंख से जुड़ी हर उस जानकारी के बारे में जो हमारे दैनिक जीवन में काफी बदलाव ला सकती हैं।

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जानिए कितनी तरह के होते हैं शंख

भारत में शंख के कई प्रकार मिलते हैं, इन सभी शंख का पूजा-पाठ में अपना अलग महत्व होता है । शंख का विभाजन उसके आकार पर होता है। ये शंख  हैं - दक्षिणावृत्ति  शंख , मध्यावृत्ति शंख, वामावृत्ति शंख , महालक्ष्मी शंख , मोती शंख और गणेश शंख ।पुरानी मान्यताओं के अनुसार पूजा-पाठ के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी दक्षिणावृत्ति शंख और वामावृत्ति शंख हैं। ऐसा कहा जाता है कि  दक्षिणावृत्ति शंख भगवान विष्णु की पूजा में उपयोग होता है। वहीं वामावृत्ति शंख माता लक्ष्मी की पूजा  में । जिस घर में वामावृत्ति शंख को मंदिर में रखा जाता हैं उस घर में धन की कभी कमी नहीं होती ।

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शंख का क्या है वैज्ञानिक महत्व

विज्ञान ने भी शंख को मनुष्य और प्रकृति दोनों के लिए अच्छा माना है। शंख को बजाने से वाणी और फेफड़ो से संबंधित रोग दूर होते हैं। विज्ञान के अनुसार शंख की ध्वनि जितनी दूर तक फैलती है, वह उतनी ही दूर तक वातावरण में मौजूद कीटाणुओं को खत्म कर देती है। ऐसा भी कहा जाता है कि अगर शंख में चूने का पानी भरकर पीया जाए तो इससे कैल्शियम की कमी को दूर किया जा सकता है। 


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कैसे करें शंख का प्रयोग 

अगर आप शंख खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो बता दें कि केवल सफेद रंग का ही शंख लें । शंख को गंगा जल से धोकर गुलाबी कपड़े में लपेटकर पूजा के स्थान पर रखें । सुबह-शाम पूजा के समय तीन-तीन बार इसे बजाएं और पूजा खत्म होने के बाद पुन: धोकर रख दें।

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शंख का प्रयोग करते समय क्या न करें

- शंख को हमेशा किसी कपड़े में या आसन पर ही रखना चाहिए।-शंख को पूरे दिन न बजाएं केवल सुबह और शाम की पूजा में ही प्रयोग करना चाहिए। -शंख को हमेशा धोकर रखे और किसी का शंख न प्रयोग करे और न ही अपना शंख किसी को प्रयोग करने दें।

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