हिन्दू समाज में मंगलवार को हनुमान जी के दिन के तौरद पर याद किया जाता है। इस दिन हनुमान जी के भक्त व्रत रखते हैं। व्रत तो कई लोग रखते हैं पर सही तरीके से व्रत न रखने से फायदे की जगह नुकसान ही होता है। आइए हम आपको व्रत रखने का सही तरीका बताते हैं। इन नियमों का पालन जरूर करेंजो कोई भी हनुमान भक्त व्रत रखना चाहते हैं उन्हें मंगलवार और शनिवार का व्रत हनुमानजी को समर्पित करना चाहिए। पहली बात तो ये कि मंगलवार का व्रत उन्हें करना चाहिए जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर है और इसका असर उनकी निजी जिंदगी पर पड़ रहा है। ऐसे लोग शुभ फल की प्राप्ति के लिए इस व्रत को करते हैं। हालांकि ऐसे लोग जिनका मंगल मजबूत है वे भी इस व्रत को कर सकते हैं। इससे हनुमान जी की कृपा उनपर बनी रहती है। व्रत के फायदेशास्त्रों के मुताबिक मंगल के व्रत से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत सम्मान, बल, साहस और पुरुषार्थ को बढ़ाता है। ऐसे लोग जिन्हें संतान प्राप्ति में दिक्कत आ रही है उनके लिए भी हनुमान जी का व्रत काफी लाभदायक है। इस व्रत से पापों से मुक्ति प्राप्त होती है। कैसे करें व्रतये जान लेना जरूरी है कि यह व्रत लगातार 21 मंगलवार तक किया जाना चाहिए। व्रत वाले दिन सूर्योदय से पूर्व नित्य कर्म से निपूर्ण होकर नहा लें। उसके बाद घर की ईशान कोण की दिशा में किसी एकांत स्थान पर हनुमानजी की मूर्ति या चित्र स्थापित कर दें। लाल वस्त्र इस दिन पहनें और व्रत का संकल्प हाथ में पानी ले कर करें। पूजा के स्थान पर घी का दीपक जलाएं और हनुमानजी की मूर्ति या चित्र पर फूलों की माला चढ़ाकर चमेली के तेल छिड़क दें। पहले मंगलवार व्रत कथा पढ़ें फिर उसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें।
ऐसे करें पूजाहनुमान जी की साधना अति सरल एवं सुगम है क्योंकि वो खुद बाल ब्रह्मचारी थे इसलिए इनकी साधनाओं में ब्रह्मचारी व्रत अवश्य लेना चाहिए। माना जाता है कि कलियुग में हनुमान जल्द ही मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं। हनुमान जी की पूजा करते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। पूजा के दौरान मन में किसी तरह के गलत विचार न आने दें। ये सावधानियां बरतेंहनुमान जी का व्रत रखने के लिए कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सूर्योस्त के बाद हनुमान जी की पूजा करने से वह जल्दी प्रसन्न होते हैं। मंगलवार को मंगल ग्रह का दिन भी माना जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शाम को सूर्यास्त के बाद हनुमानजी के मंदिर या घर में बनें में हनुमान की मूर्ति के सामने साफ आसन पर बैठें और फिर सरसो के तेल का चैमुखा दीपक जलाएं। दीपक लगाने के साथ ही अगरबत्ती, पुष्प आदि अर्पित करें। सिंदूर, चमेली का तेल चढ़ाएं। ऐसा करने से हनुमान जी की कृपा आप पर बनी रहेगी।