कोणार्क का सूर्य मंदिर अपने निर्माण के 750 साल बाद भी अपनी अद्वितीयता, विशालता और कलात्मक भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। कोणार्क का सूर्य मंदिर को अंग्रेज़ी में ब्लैक पैगोडा भी कहा जाता है।
ताजमहल मुग़ल शासन की सबसे प्रसिद्ध स्मारक है। ताजमहल विश्व के सात आश्चयों में से एक है। ताजमहल का सबसे मनमोहक और सुंदर दृश्य पूर्णिमा की रात को दिखाई देता है।
पटना से 90 किलोमीटर दूर और बिहार शरीफ़ से करीब 12 किलोमीटर दक्षिण में, विश्व प्रसिद्ध प्राचीन बौद्ध विश्वविद्यालय, नालंदा के खण्डहर स्थित हैं। यहां 10,000 छात्रों को पढ़ाने के लिए 2,000 शिक्षक थे।
खजुराहो को इसके अलंकृत मंदिरों की वजह से जाना जाता है जो कि देश के सर्वोत्कृष्ठ मध्यकालीन स्मारक हैं। चंदेल शासकों ने इन मंदिरों की तामीर सन 900 से 1130 ईसवी के बीच करवाई थी।
तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित यह नगर अब ''हम्पी'' के नाम से जाना जाता है। यह प्राचीन शानदार नगर अब मात्र खंडहरों के रूप में ही अवशेष अंश में उपस्थित है।
श्रवणबेलगोला मैसूर से 84 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां का मुख्य आकर्षण गोमतेश्वर/ बाहुबलि स्तंभ है। बाहुबलि मोक्ष प्राप्त करने वाले प्रथम तीर्थंकर थे। श्रवणबेलगोला नामक कुंड पहाड़ी की तराई में स्थित है।
स्वर्ण मंदिर को हरमंदिर साहिब या दरबार साहिब भी कहा जाता है। इसके आस पास के सुंदर परिवेश और स्वर्ण की पर्त के कारण ही इसे स्वर्ण मंदिर कहते हैं। यह अमृतसर (पंजाब) में स्थित सिक्खों का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है।