नई दिल्ली। देश में आईटी सेक्टर में छटनी की खबर से मचे हंगामे के बीच कर्मचारियों को लिए एक राहत भरी खबर आ रही है। शुक्रवार को आईटी सेक्टर की बड़ी कंपनियों में से एक इंफोसिस कंपनी ने इस साल 20,000 नई भर्ती करने के लिए कहा है। केवल 400 कर्मचारियों को ही उनके प्रर्दशन के आधार पर नौकरी छोड़ने के लिए कहा गया है। कंपनी के मुताबिक आईटी कंपनियो ने छंटनी की बात को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। इंफोसिस के सीओओ यूबी प्रवीण झा राव ने कहा प्रोद्यगिकी आधारित बदलाव इंफोसिस जैसी कंपनियों के लिए नए अवसर प्रदान करते है। राव ने कंपनी के को-चेयरमैन रवि वेंकटेशन के साथ शुक्रवार को सूचना प्रोद्यगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से मुलाकात की औक यह बैठक लगभग आधे तक चली । इसके बाद राव ने कहा कि कर्मचारियों के छंटनी कि को मीडिया ने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। कर्मचारी के प्रर्दशन ने आधार प यह हर साल किया जाता है। छंटनी वाले कर्मीयों की संख्या केवल 300-400 है। सह कोई नई बात नहीं है। कंपनी और नए रोटगार की तैयारियां कर रही हैं। आपको याद दिला दें कि इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नायारणमूर्ति ने कहा था कि अगर वरिष्ठ अधिकारी अपने वेतन में कटौती को तैयार हो जाएं तो युवाओं की नौकरियां बचाई जा सकती है। वेतन कटौती से होने वाली बचत को कर्मचारियों की ट्रेनिंग में लगाई दानी चाहिए। टाटा और इंफोसिस जैसी आईटी कंपनियां बढ़ी संख्या में नियुक्ति जारी रखेंगी।