नई दिल्ली। वैसे तो बहरेपन का इलाज समय रहते करवा लिया जाए तो व्यक्ति इस समस्या से बाहर आ सकता है पर आनुवांशिक बेहरेपन का इलाज लगभग लाइलाज होता है लेकिन अमेरिका के विशेषज्ञयों ने एक ऐसी दवा का इजाद किया है जिसकी मदद से सुनने की शक्ति खो चुके लोगों की सुनने की शक्ति वापस आ सकती है। उनके दावे के मुताबिक इस दवा से कानों के भीतर मौजूद बेहद अहम रोंए की कोशिकाओं को जीवित रखने वाले जींस को जगाए रखा जा सकेगा।
आप को बता दें कि यह अध्ययन नेशनल इंस्टीयूट आफ डिसऑर्डर के विशेषज्ञों की टीम ने किया है। इस अध्ययन में उन्होंने डीएफएनए 27 जीन का पता लगाया है। जो की आनुवांशिक बहरेपन का जिम्मेदार होता है। यह शोध सबसे पहले चूहों पर किया गया था। इस शोध के सह लेखक थॉमस फ्रीडमैन के अनुसार उनकी टीम चूहे के बहरेपन को पूरी तरह दूर करने में सफल रही है।
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शोधकर्तांओं का कहना है कि हमारे द्वारा बनाई गई यह दवा एक स्विच का काम करेगी। इसकी मदद से सुनने की शक्ति को दोबारा प्राप्त किया जा सकता है। अगर इस शोध में उन्हें बड़े तौर पर सफलता प्राप्त हो जाती है तो इस दवा की मदद से वंशानुगत बेहरेपन के इलाज में मदद मिलेगी।