नई दिल्ली। अगर आपका मूड कभी बहुत अच्छा या कभी बहुत खराब रहता है तो यह बात महज मूड स्विंग तक ही सीमित नहीं है।यह आपके लिए एक खतरे की घंटी हो सकती है, जिससे आप अनजान बने हुए हैं। दिमाग की इस समस्या को मेडिकल भाषा में 'बाइपोलर मूड डिसऑर्डर' कहते हैं। दरअसल, इस बीमारी से जुड़ा एक मामला दिल्ली के द्वारका इलाके में सामने आया है, जिसमें एक पिता ने अपनी बेटी की हत्या कर दी थी। बेटी की हत्या के पीछे उसकी मानसिक स्थिति पर काबू न रहना और माता-पिता पर हावी हो जाना बताया जा रहा है। इस पूरे मामले पर एम्स के डिपार्टमेंट ऑफ साइकेट्री में प्रोफेसर डॉ. नंदकुमार ने बताया कि कई बार व्यक्ति के मूड में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव होता है। वह सुबह तरोताजा महसूस करता है, तो वहीं शाम तक उसकी सारी ऊर्जा खत्म हो जाती है। इसके चलते उसकी लोगों से बातचीत बंद हो जाती है। वह सबसे मिलना-जुलना बंद कर देता है। ये लोग 'बाइपोलर मूड मिस ऑर्डर' से पीड़ित होते हैं। ऐसे लक्षण पाए जाने पर इन्हें सिर्फ मूड स्विंग नहीं समझना चाहिए बल्कि डॉक्टर के पास जाकर जांच करानी अवश्यक होती है।
रिपोर्ट में सामने आया है कि यदि एम्स में 100 मरीज आते हैं तो 30 मरीज उस में से डिप्रेशन के होते हैं और इस में से 15 मरीज 'बाइपोलर मूड डिसऑर्डर' के शिकार होते हैं।
बाइपोलर मूड डिसऑर्डर होने का कारण
मानव का मस्तिष्क न्यूरॉन से बना होता है। यह न्यूरॉन ही शरीर के अन्य भागों को काम करने के लिए सूचना भेजता है। परन्तु अत्यधिक ऊर्जा बढ़ जाने पर दिमाग में डोपामिन नाम का केमिकल बढ़ जाता है। इससे लोग दिमाग की बीमारी के शिकार होते हैं।
अनदेखा न करें इन लक्षणों को
बहुत ज्यादा खुद पर विश्वास होना भी इसका एक लक्षण है।
मन में ऐसे विचार आना जो संभव ही नहीं हो सकते हैं।
नींद नहीं आना और थकान के बाद भी लगातार काम करते रहना।
खुद का बहुत ज्यादा ख्याल रखना।
अपने ऊपर हद से ज्यादा पैसे खर्च करना।
एक ही दिन में एक किताब को पढ़ कर खत्म कर देना।
चार-पांच घंटे की नींद के बाद ही ताजा महसूस करना।
ऊपर दिए गए सभी लक्षण वाले लोगों का मूड अचानक बदलने लगता है। वो कभी बहुत अच्छा तो कभी बहुत बुरा -सा महसूस करते हैं। ऐसे लोगों को इन लक्षणों को अनदेखा न करते हुए डॉक्टर से अपनी जांच करानी चाहिए ।