नई दिल्ली। आपको खेलते हुए या शौकिया तौर पर ही दौड़ते-भागते अगर घुटने में चोट लगी है तो उसे नजरअंदाज करना काफी भारी पड़ सकता है। कई बार ऐसा होता है कि खिलाड़ी इसे नजरअंदाज कर देते हैं इसके खामियाजा के तौर पर आपने कई खिलाड़ियों को मैदान से बाहर जाते हुए देखा होगा कई बार तो उन्हंे घुटना रिप्लेसमेंट करवाने की नौबत तक आ जाती है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि लगातार खेलों से जुड़े रहने के कारण खिलड़ियों को घुटने की समस्या हो जाती है। घुटनों में दर्द बढ़ने की वजह से उनके पैरों के साथ अन्य मांसपेशियों में भी दर्द शुरू हो जाता है। हालांकि उम्र बढ़ने के साथ ऐसा होना कोई बड़ी समस्या नहीं है। जो लोग खेलों से जुड़े हंैं और अपने खेल के लिए घंटों प्रैक्टिस करते हैं उनके घुटने के जोड़ बहुत जल्दी प्रभावित होते हैं।
अच्छी क्वालिटी के उपकरणों का इस्तेमाल
दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल के प्रोफेसर और नी एवं हिप रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. सी. एस. यादव कहते हैं, अगर आप घुटनों पर दबाव पड़ने वाली गतिविधियों को हर दिन करेंगे, तो घुटनों के जोड़ पर चोट लगने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। हां, इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। जो लोग हर दिन प्रैक्टिस करते हैं, उन्हें खेल के अनुसार सुरक्षा उपकरणों को पहनकर खेलना चाहिए साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि वह उपकरण अच्छी क्वालिटी का हो।
भोजन पर खास ध्यान
दूसरी तरफ अगर खेलने के दौरान दर्द महसूस होता है तो उसे खेलना फौरन बंद कर देना चाहिए ताकि घुटनों पर ज्यादा दवाब न पड़े, इसके लिए सही फिटिंग के जूते पहनें। खेलने से पहले वॉर्मअप कसरत करें, ताकि अचानक शरीर के जोड़ों पर दबाव न पड़ें। खेलने के बाद शरीर को कूल डाउन करने वाली कसरत करें। धूम्रपान ने करें। वजन पर नियंत्रण रखें और कैल्शियम युक्त आहार लें।