नई दिल्ली । महानगरों क भाग दौड़ भरी जिंदगी में अमूमन हर दूसरा आदमी तनाव और थकावट का शिकार हो रहा है। इस स्थिति में वह कई तरह की मानसिक और शरीरिक बीमारियों का शिकार बन रहा है। इन बीमारियों के इलाज में हम काफी धन और समय भी कई बार बर्बाद कर देते हैं, जबकि दिन में मात्र कुछ मिनट अपने लिए देने से आप इन सभी दिक्कतों को खुद से दूर कर सकते हैं। तो चलिए हम बताते हैं आखिर इन कुछ मिनटों में आप ऐसा क्या करें कि ये सभी बीमारियां आपसे दूर रहें। इसके लिए आपको कोई सामान खरीदने की जरूरत नहीं बस चाहिए तो घर में एक एकांत कोना। हम आपको बताने जा रहे योगा के कुछ ऐसे आसन, जिन्हें करने से आपका शरीर रह सकता है स्वस्थ और आप तनाव मुक्त । चालिए जानते हैं इन योग आसन के बारे में
स्वस्तिकासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले अपने पैरो को फैला लें। इसके बाद अपने बाएं पैर को उठाकर दाएं पैर की जांघ और घुटने के बीच इस प्रकार रखें कि बाएं पैर कि पिंडली न दिखाई दें। यहीं क्रिया अपने दाएं पैर के साथ करें । पैर की मुद्रा बनाने के बाद रीढ़ की हड्डी को सीधा करके बैठ जाएं और गहरी स्वास लेकर अंदर- बाहर छोडे़। इस स्वास की प्रकिया को कई बार दोहराए।
क्या होगा लाभ
- ऐसा करने से पैरों में दर्द की समस्या दूर होगी, साथ ही जिन लोगों को पैरो में पसीने आने की परेशानी है, उससे भी निजात मिलेगी। -पैरो में ठंडेपन और गर्म रहने की समस्या नहीं होती । इस मुद्रा में ध्यान करने से बहुत फायदा होता है।
गोमुखासन
गोमुखासन करने से महिलाओं की कई बीमारियां दूर हो सकती हैं। इस योगा को इस प्रकार करते हैं।अपने दोनों पैरो को सामने की ओर फैला लें फिर अपने बाएं पैर को उठाकर दाएं पैर के नितम्ब के नीचे रख लें। इसके बाद दाएं पैर को उठाकर बाएं ओर इस प्रकार रख लें कि दोनों घुटने आपस में एक-दूसरे पर आ जाएं । अपने बाएं हाथ को पीछे की ओर मोड़कर कमर के ऊपर रख लें ,इसके बाद दाएं हाथ को पीछे की ओर मोड़कर छुने की कोशिश करें।
आसन के लाभइस आसन को करने से धातु रोग दूर होता है और स्त्री रोगों के लिए भी यह लाभदायक होता है । गाठियां ,संधिवात रोगों के इलाज में भी यह काम आता है।
गोरक्षासन
इस योगासन को करने के लिए अपने दोनों पैरो के पंजे और एड़ी को साथ में मिलाकर उस पर बैठ जाएं। घुटने को जमीन से लगाने का प्रयास करें। पैरों की मुद्रा बनाने के बाद हाथों को ज्ञान की मुद्रा में जोड़ लें ।
क्या हैं लाभ
इस योगा को करने से मन की चंचलता दूर होती है। मन में शांति बनती है साथ ही इस योगा को करने से शरीर में रक्त का प्रवाह ठीक रहता है जिससे बीमारी नहीं होती ।
शंखासन
शंखासन को करते हुए अपने दोनों हाथों को घुटनों के बल बैठते हुए पैर के पंजो पर रखे और बैठ जाएं। इसके बाद श्वास भरते हुए बाएं घुटने को दाएं पैर के पंजे पर रखें और दाएं पैर को बाएं ओर धुमाए । गर्दन को धीरे-धीरे दाएं ओर धुमाए इसके बाद श्वास को छोड़ते हुए गर्दन को बीच में वापस ले आए इस क्रिया को कई बार करें।
लाभ- इस योगा को करने से पेट के रोग दूर होते हैं।
योगमुद्रासन
योगमुद्रासन करने के लिए अपने दाएं पैर को उठाकर बाएं पैर की जाघ के ऊपर इस प्रकार रखें कि एड़ी नाभी के पास रखी जाए। ऐसे ही बाएं पैर को उठाकर दाएं पैर के नीचे रख लें । इसके बाद अपने दोनों हाथों को पीछे ले जाकर पकड़ लें और आगे की ओर झुककर नाक को जमीन से छूने का प्रयास करें।
क्या होगा लाभ
इस योगा को करने से चेहरे पर चमक आती है साथ ही शरीर स्वस्थ रहता है।