नई दिल्ली। हमारी रोजमर्रा की जिन्दगी के चलते हम कई सारे रोगों का शिकार हो रहे हैं। इनमें कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी शामिल हैं। कैंसर को जानलेवा रोग कहा जाता है, इसकी गिरफ्त में आने वाले का बच पाना काफी मुश्किल होता है। डाॅक्टर भी शायद ही इससे निजात पाने के उपाय बता पाते हैं। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी बात बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानकर आप भी इसका इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे। बता दें कि हम गाय के दूध की बात कर रहे हैं। गाय के दूध को कैंसर के इलाज में रामवाण माना जाता है। आइए हम आपको बताते हैं कि यह किस तरह से काम करता है।
कैंसर की दवा का श्रोत
दरअसल, गाय के दूध में एक्सोसम्स की खोज हुई है, जो कैंसर की दवा को डिलीवर करने का बेहतरीन स्रोत है। इससे कैंसर की दवा नैनो तकनीक में तब्दील कर ज्यादा असरदार बन जाती है। पीयू में अमेरिका से आए प्रो. रमेश गुप्ता ने इस तकनीक का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि इस तकनीक का सफल प्रशिक्षण हो चुका है। अब अगले कदम में दवा को सीधा शरीर के प्रभावित क्षेत्र पर असर करने के लिए काम किया जा रहा है।
दूध का असर
इसके अलावा जामुन और ब्लूबेरी का इस्तेमाल कर कैंसर की दवा बनाने पर काम किया जा रहा है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ लुइसविले के प्रो. रमेश गुप्ता ने बताया एक रिसर्च में पाया गया कि दूध में एक्सोसम्स होता है, जो गाय के दूध में ज्यादा प्रभावी है। एक्सोसम्स ड्रग डिलीवरी का बेहतरीन जरिया है। किसी भी प्रकार के कैंसर की दवा को एक्सोसम्स के जरिए शरीर में डिलीवर किया जाए तो दवा ज्यादा असर करती है। बता दें कि नैनो तकनीक से कैंसर के इलाज में बड़े स्तर पर रिसर्च चल रही है। उसी के तहत दूध के एक्सोसम्स को ड्रग डिलीवरी में इस्तेमाल करने पर काम किया गया। जो काफी असरदार पाया गया। हालांकि, यह तकनीक उस स्तर पर नहीं पहुंची की सीधे बीमारी की जड़ पर दवा पहुंचाई जा सके। यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के प्रो. रूडनी जेवाई के मुताबिक नैनो तकनीक से बनी दवा, आम दवा के मुकाबले ज्यादा असरदार होती है। ये किसी बीमारी पर जल्दी और कई गुणा मात्रा में असर करती हैं।
शोध में हुआ खुलासा
गौरतलब है कि इससे पहले भी गाय का दूध पीने से कैंसर तक की बीमारी खत्म होने का दावा किया गया है, यह खुलासा हरियाणा के करनाल में मौजूद नेशनल ब्यूरो ऑफ एनिमल जेनेटिक रिसोर्सिज में हुए अभी तक के शोध में हुआ है। शोध में पता चला है कि वैचूर नस्ल की गाय के दूध में ए-2 बीटाकेसीन तो है ही, साथ ही इसके दूध में कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी है।