नई दिल्ली। आज थाइराइड भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाली बिमारियों में से एक बन गई है। अमूमन यह हर दूसरी महिला में पाई जा रही है। थाइराइड ऐसी बीमारी है जिसको जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता। सबसे बड़ी बात तो यह है कि एलोपेथी में इसका कोई इलाज भी नहीं है। इलाज के रूप में सिर्फ जीवन भर दवाई खाना ही एक अकेला उपचार है। थाइराइड मानव शरीर में पाए जाने वाला एंडोक्राइन ग्लैंड में से एक है। थाइराइड ग्रंथि हमारे शरीर में श्वास नली के ऊपर व स्वर यंत्र के दोनों ओर बनी होती है। यह थाइराइक्सिन नाम का हार्मोन बनाती है। जिससे शरीर में ऊर्जा, प्रोटीन उत्पादन व अन्य हार्मोन के प्रति होने वाले दुष्प्रभावों का नियंत्रण होता है।
यह ऊर्जा और पाचन की मुख्य ग्रंथि होती है। यह एक तरह के मास्टर लीवर की तरह होती है जो हमारे शरीर में जीन्स का स्त्राव करती है। इससे कोशिकाएं पूर्ण रूप से अपना कार्य कर पाती हैं। इस ग्रंथि के सही तरीके से काम न कर पाने की वजह से हमारे शरीर में कई प्रकार की समस्याएं आती हैं। डॉक्टर इसे साइलेंट किलर बताते हैं। इसकी शुरुआत इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी से होती है। यह हमारे मेटाबॉल्जिम को नियंत्रित करती है मतलब जो खाना हम खाते यह उसे ऊर्जा में बदलने का काम करती है। इसके साथ यह हृदय, मांसपेशियों,हड्डियों व कोलेस्ट्रोल को भी प्रभावित करती है।
थायराइड होने के कारण
-थाइराइड ग्रंथि में हार्मोन बनाने की क्षमता का कम हो जाना ।
-प्रोटीन का पाउडर के रूप में सोया उत्पादों को जरूरत से ज्यादा प्रयोग करना।
- कई दवाओं का प्रतिकूल प्रभाव भी थाइराइड की वजह होती है।
- भोजन में आयोडीन की कमी या ज्यादा इस्तेमाल भी थाइराइड की समस्या पैदा करता है।
- तनाव भी इसका बड़ा कारण होता है। तनाव का सीधा असर हमारी थाइराइड ग्रंथि पर पड़ता है। जो हार्मोन के स्त्राव को बढ़ा देती हैं।
- यह बीमारी अनुवांशिक भी होती है अगर आपके परिवार में किसी को थाइराइड है तो आपके भी इससे प्रभावित होने की आशंका रहीत है।
- ग्रेव्स रोग थाइराइड का बड़ा कारण है। इसमें थाइराइड हार्मोन का स्त्राव बहुत अधिक बढ़ जाता है। ग्रेव्स रोग ज्यादातर 20 से 40 उम्र की महिलाओं को प्रभावित करता है।
- कई बार देखने में आता है कि गर्भ धारण करने के चलते भी कुछ लोगों को इसकी परेशानी हो जाती है।
थायराइड के लक्षण
कब्ज
थाइराइड होने पर कब्ज की परेशानी आम रूप से देखने में आती है। साथ ही खाना आसानी से गले से नीचे उतरने में भी परेशानी होती है। इससे वजन पर भी असर पड़ता है।
हाथ-पैर ठड़े रहना
थाइराइड होने पर आदमी के हाथ पैर हमेशा ठंडे रहने लगते हैं। यह हमारे शरीर में बीमारियों से लड़ने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण अन्य बीमारियां लगने लग जाती हैं।
थकान
थाइराइड वाले व्यक्ति को जल्द थकान होने लगती है। उसका शरीर सुस्त रहता है और उसकी शरीर की ऊर्जा खत्म होने लगती है।
त्वचा का ड्राई होना
थाइराइड वाले व्यक्ति की त्वचा सूखने लगती है। त्वचा में रूखापन आ जाता है। त्वचा के ऊपरी सेल्स की क्षति होने लगती है जिसकी वजह से त्वचा ड्राई हो जाती है।
जुकाम होना
थाइराइड में अक्सर जुकाम रहने लगता है और यह आसानी से ठीक भी नहीं होता है।
बाल झड़ना
थाइराइड होने पर बाल झड़ने लगते हैं तथा गंजापन आने लगता है।
मांसपेशियों और जोड़ो में दर्द
थाइराइड वाले व्यक्ति के मांसपेशियों और जोड़ो में दर्द के साथ कमजोरी का होना भी इसका एक लक्षण है।
थाइराइड के घरेलू उपाय
सुबह रोज खाली पेट लौकी का जूस पीए। गेंहू के जवारों का जूस निकाल कर पीए, इसके साथ आपको हर रोज सुबह 20 मिली एलोवेरा जूस में दो तीन तुलसी का रस मिलाकर पीने से काफी फायदा होगा। ध्यान रहें आप जो एलोवेरा जूस का प्रयोग कर रहे है। वह अच्छी कंपनी का हो और उसमें फाइबर ज्यादा हो। इसके साथ ही उज्जयी प्रणायाम करना भी लाभकारी साबित होता है। जूस पीने के बाद आधे घंटे तक कुछ ना खाएं और पीए।
अखरोट और बादाम है फायदेमंद
अखरोट और बादाम में सेलेनियम नामक तत्व पाया जाता है। जो थाइराइड की समस्या के उपचार में फायदेमंद है। बादाम खाने से थाइराइड के कारण गले में होने वाली सूजन को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यह थाइराइड को बढ़ने से रोकने में सहायक होते हैं।
काली मिर्च
थाइराइड के लिए काली मिर्च का उपयोग भी बेहद फायदेमंद साबित होता है। काली मिर्च आप जिस प्रकार चाहे वैसे इस्तेमाल कर सकते है।