अकेलापन लोगों को ज्यादा स्वार्थी बनाता है, जिससे आगे चलकर ऐसे लोग और ज्यादा सामाजिक अलगाव में पड़ते हैं। शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन के नतीजों में यह बात कही है।शोधकर्ताओं का कहना है कि, लगातार अकेलेपन से जूझ रहे लोगों नें आत्म केंद्रित होने की प्रर्वत्ति बढ़ने लगती है। नतीजे में आगे चलकर ऐसे लोग और ज्यादा अकेलेपन से ग्रस्त हो जाते हैं। अमेरिका की शिकागो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता जनॅ कैसियोप्पो ने कहा, अगर आप अधिक आत्मकेंद्रित होते हैं तो आपके सामाजिक अलगाव में पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
यह भी पढ़े - तेजी से बढ़ती बीमारी थाइराइड के पहचानें लक्षण और घरेलू उपाय से करें उपचार
शोधकर्ताओं का इसके साथ यह भी कहना है कि आत्मकेंद्रित होने की प्रर्वत्ति को खत्म करना अकेलेपन के संभावित खतरों से बचने के लिए आवश्यक है। इससे व्यक्ति को अकेलपन के बदत्तर नतिजों से दूर रहने में मदद मिल सकती है। कैसियोप्पो मे कहा गया है कि, यह एक सामान्य तथ्य है कि अकेलेपन से व्यक्ति को आत्मकेंद्रित बनाती हैं। लेकिन हमारे अध्ययन ने जो अहम तथ्य उजागर किया है वह यह है कि यह आत्मकेंद्रित पलटकर व्यक्ति को अधिक अकेलेपन की ओर धकेलती है। शोधकर्ताओं कहना हैं कि, अकेलेपन भी एक तरह से चेतावनी प्रणाली है जो अपर्याप्त सामाजिक रिश्ते को दुरूस्त करने की चेतावनी भी देता है।
यह भी पढ़े - टीबी के टीके से टाइप-1 की डायबिटीज का इलाज है संभव