नई दिल्ली। महिला सुरक्षा भारत में हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है। ऐसे में इस बड़ी समस्या से निपटने के लिए सरकार और तकनीक के द्वारा कई कोशिशें की जाती रहीं हैं। सूचना और तकनीक के इस युग में आज 4 एप ऐसे हैं जो महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने में काफी कारगर साबित हो सकती है। क्या आपको पता है उन एप के बारे में नहीं, तो चलिए हम आपको इसके बारे में बता देते हैं।
माया एप
यह एप महिलाओं को उनके हेल्थ से जुड़ी जानकारी देती है। यह एप 2012 में बंगलुरु के जॉन पॉल ने बनाई थी जो कि आज पूरे विश्वभर में 6 मिलियन महिलाओं द्वारा काम में लाई जाती है।
सेफ्टीपिन
यह एप 2013 में कल्पना विश्वनाथ और आशीष बासु द्वारा बनाई गई थी। जो महिलाओं की सेफ्टी को देखते हुए बनी थी। जो महिलाएं रात के समय काम पर बाहर रहती है या नाइट शिफ्ट करती है उनके लिए ये बेस्ट एप है। ये एप ग्राहक को सेफ्टी ऑडिट करने कहती है। जिसमें 1 से 5 तक के स्केल पर आपको रेट करना है कि जहां से आप गुजरती है उस जगह पर आप कितना सुरक्षित मेहसूस करती है। उन जगह की आपको फोटो क्लिक कर उसे रेटिंग देनी है। इसके बाद जब भी आप कोई असुरक्षित जगह से गुजरेंगी ये एप आपके परिवालों को नोटीफिकेशन भेज देगा। ये एप एंड्रॉएड और आइओएस दोनों ऑपरेटिंग सिस्टम पर उपलब्ध है।
बुक माई बाई
यह एप आपको एक विश्वास करने योग्य हेल्पर को ढूंढने में मदद करती है। इस एप की मदद से हजारों महिलाओं को रोजगार मिला है। ये महिलाएं महीने में 4 हजार से 12 हजार तक कमा लेती है।
एडवांसेल्स
2013 में विपुल जैन द्वारा यह एप बनाई गई थी। विपुल एक व्यवसायी है और उनके द्वारा तैयार किया गया एप स्टैम सेल के थैरिपी के लिए काम करती है। एडवांसेल्स एप स्टैम सेल के ट्रीटमेंट से एंटी एजिंग के लिए उपचार करती है।