नई दिल्ली । भारतीय सिनेमा जगत में हर सप्ताह कोई न कोई फिल्म बड़े पर्दे पर आती है। हर रोज कितने ही कलाकार अपने सपनों को पूरा करने की आशा लिए बॉलीवुड की ओर अपना रुख करते हैं। देश भर के हर कौने से अपने अभिनय का लौहा मनवाने के लिए कई अभिनेत्रियां भी इस फिल्म जगत में आती हैं, जहां कुछ अपने अभिनय से लोगों को कुछ खास प्रभावित नहीं कर पातीं, वहीं कुछ ऐसी अभिनेत्रियां होती हैं जो अपने अभिनय से लोगों को दिलों पर एक छाप छोड़ जाती हैं। इन अभिनेत्रियों के अभिनय को न केवल सराहा जाता है बल्कि उनके अभिनय की लंबे समय तक चर्चा भी होती है। ऐसी ही कुछ अभिनेत्रियों को उनके दमदार अभिनय के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाता है। तो चलिए हम आपको कुछ ऐसी ही अभिनेत्रियों के बारे में बताते हैं , जिन्होंने अपने फिल्मी सफर में इस मुकाम को हासिल किया है।
नरगिस दत्त को 1967 मे फिल्म “दिन और रात” के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
रहाना सुल्तान को 1970 मे फिल्म “दस्तक” के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया ।
वहीदा रहमान को 1971 मे फिल्म “रेशमा और शेरा के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया ।
शर्मिला टैगोर को फिल्म “मौसम” के लिए 1975 मे राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया ।
रेखा को 1981 मे फिल्म “उमराव जान” के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया था।
शबाना आजमी को उनकी फिल्म “अंकुर” के लिए वर्ष 1974 में, “अर्थ” के लिए 1982 , “खानदान” के लिए 1983 में , “गॉड मदर” के लिए 1998 और 1984 में “पार” के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
स्मिता पाटिल को “भुमिका” के लिए 1977 और 1980 में फिल्म “चाकरा” के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया ।
इसी क्रम में डिंपल कपाडिया को फिल्म “रुदाली” के लिए 1992 में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
सीमा बिसवा को 1995 में “बैंडेट क्वीन” के लिए राष्टीय पुरस्कार दिया गया ।
रविना टंडन को 2000 मे फिल्म “दामन” के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
तब्बु को फिल्म चांदनी बार (2001) और माचिस (1996) के लिए भारत सरकार ने राष्टीय पुरस्कार दिया। चांदनी फिल्म की कहानी मुंबई के बार में काम करने वाली औरतों पर आधारित थी।
- विधाबालन ने अपने अभिनय की शुरुआत टेलीविज़न से की और फिर इसके बाद कई सफल फिल्मों मे बेहतरीन अभिनय किया। 2011 में आई उनकी फिल्म “ द डर्टी पिचर “ के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार दिया।
गीताजंली थापा को फिल्म “लाईस डाईस” के लिए 2013 में यह पुरस्कार दिया गया ।
- देसी गर्ल के नाम से मशहूर प्रियंका चौपडा को फिल्म “फैशन” के लिए 2008 मे राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कंगना रनौत भारतीय सिनेमा की सबसे कम उम्र मे राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली अभिनेत्री हैं। 2014 में आई उनकी फिल्म “क्वीन” और 2015 में आई फिल्म “तनु वैड्स मनु रिटर्न” के लिए कंगना को सर्वश्रेष्ट अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। फिल्म “फैशन” के लिए भी उन्हें सहायक कलाकार का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जा चुका है ।
15 श्रीदेवी को फिल्म “मॉम” के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया है।
प्रस्तुति - संगीता कल्याण