बेंगलुरु । कर्नाटक के जाने माने नाटककार, रंगकर्मी, एक्टर, निर्देशक और स्क्रीन राइटर गिरीश कर्नाड का सोमवार को 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया । लंबे समय से बीमार चल रहे कर्नाड का मल्टीपल ऑर्गेन फेल होने की वजह से निधन हुआ । उनके निधन से साहित्य और सिनेमा जगत में शोक की लहर है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख प्रकट किया है । उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'गिरीश कर्नाड को सभी माध्यमों में उनके बहुमुखी अभिनय के लिए याद किया जाएगा। उनके काम आने वाले वर्षों में लोकप्रिय होते रहेंगे। उनके निधन से दुखी हूं। उनकी आत्मा को शांति मिले।'
बता दें कि कन्नड़ फिल्म संस्कार(1970) से अपनी एक्टिंग और स्क्रीन राइटिंग की शुरुआत करने वाले गिरिश कर्नाड ने अपने करीब 50 साल के करियर में कई प्रतिष्ठित अवार्ड जीते । उनकी पहली ही फिल्म ने कन्नड़ सिनेमा का पहले प्रेजिडेंट गोल्डन लोटस अवार्ड जीता था । बॉलीवुड में उनकी पहली फिल्म 1974 में आयी जादू का शंख थी । इतना ही नहीं पिछले कुछ समय में उन्होंने सलमान खान की फिल्म एक था टाइगर और टाइगर ज़िंदा में देखा गया था ।
हालांकि बड़े पर्द पर काम करने से पहले 1960 के दशक में लोग उन्हें उनके नाटकों को लेकर जानने लगे थे । कर्नाड ने अंग्रेजी के भी कई प्रतिष्ठित नाटकों का अनुवाद किया । कर्नाड के भी नाटक कई भारतीय भाषाओं में अनुदित हुए । कर्नाड ने हिंदी और कन्नड़ सिनेमा में अभिनेता, निर्देशक और स्क्रीन राइटर के तौर पर काम किया। उन्हें पद्मश्री और पद्म भूषण का सम्मान मिला । कर्नाड को चार फिल्म फेयर अवॉर्ड भी मिले । गिरीश कर्नाड को 1978 में आई फिल्म भूमिका के लिए नेशनल अवॉर्ड तो 1998 में साहित्य के प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया थ ।