Thursday, April 25, 2024

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सामान्य आरक्षण बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका, निरस्त करने की मांग

अंग्वाल न्यूज डेस्क
सामान्य आरक्षण बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका, निरस्त करने की मांग

नई दिल्ली। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण का बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में पास हो चुका है। अब गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में इस बिल के खिलाफ इक्वालिटी फाॅर यूथ नामक ग्रुप और डॉक्टर कौशल कांत मिश्रा द्वारा दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि यह संशोधन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा तय किए गए 50 फीसदी सीमा का उल्लंघन करता है। दोनों याचिकाकर्ताओं ने इस विधेयक को निरस्त करने का अनुरोध करते हुए कहा कि सिर्फ आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता हैै। 

गौरतलब है कि इक्वालिटी फाॅर यूथ और कौशलकांत मिश्रा ने कहा कि इस विधेयक से संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन होता है। आर्थिक आधार पर आरक्षण देने को सिर्फ सामान्य वर्ग तक ही सीमित नहीं किया जा सकता है क्योंकि 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को पार नहीं किया जा सकता है। 


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यहां बता दें कि लोकसभा में भाजपा ने अपने बहुमत के बल पर 10 फीसदी आरक्षण बिल को पास करा लिया लेकिन चुनावी मौसम के करीब होने की वजह से राज्य सभा में विपक्षी पार्टी कांग्रेस, सपा और बसपा ने भी उसका समर्थन किया है। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 323 मत पड़े जबकि विरोध में सिर्फ 3 मत डाले गए। वहीं राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 165 मत पड़े और विरोध में 7 लोगों ने मतदान किया। पीएम मोदी ने इस बिल के दोनों सदनों में पास होने पर खुशी जताते हुए कहा कि यह सामाजिक न्याय की जीत है।  

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