मुंबई। महाराष्ट्र की देवेन्द्र फड़णवीस सरकार की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं हैं। मराठा आरक्षण आंदोलन के बाद अब करीब 17 लाख सरकारी कर्मचारियों ने मंगलवार से 3 दिनों के लिए हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। महाराष्ट्र राज्य कर्मचारी संगठन (एमएसईओ) के अध्यक्ष मिलिंद सरदेशमुख ने कहा कि तालुका स्तर तक के सभी कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि ये कर्मचारी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने और सरकारी कार्यालयों में सप्ताह में 5 दिनों का कार्यदिवस करने सहित अन्य मांगों के समर्थन में हड़ताल पर जा रहे हैं।
गौरतलब है कि हड़ताल में शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थानों एवं अन्य विभागों के कर्मचारी शामिल हो रहे हैं। इन कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से मुख्यालय, मंत्रालय, कलेक्ट्रेट, तहसील और तालुका स्तर के सभी सरकारी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हो सकता है। यही नहीं शिक्षा और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों के भी प्रभावित होने की संभावना है।
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यहां बता दें कि 17 लाख सरकारी कर्मचारियों के साथ महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित अधिकारी परिसंघ भी हड़ताल में शामिल होगा, क्योंकि उन्हें इस बात की उम्मीद है कि उनकी मांगें पूरी होंगी। इन लोगों ने फड़णवीस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। खबरों के अनुसार अगर महाराष्ट्र सरकार इनकी मांगें मान लेती है तो उस पर करीब 21 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।