नई दिल्ली । भारत सरकार देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए नए सिरे से रणनीति बनाती नजर आ रही है। इसी बीच मोदी सरकार ने खेलों के विकास के लिए खेलो इंडिया कार्यक्रम को नए सिरे से खड़ा करने की कवायद की है। इसके लिए सरकार ने अगले तीन साल के लिए 1756 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। नवनियुक्त खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने खेलों इंडिया कार्यक्रम में सुधार और नए बदलाव की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में खेलों के विकास के लिए इस कार्यक्रम को नई गति देने की योजना पर मुहर लगा दी है। उन्होंने बताया कि देश के युवा-प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए देश के 20 विश्वविद्यालयों को खेल हब के रुप में प्रोत्साहित किया जाएगा।
152 एथलीटों को 50-50 हजार रुपये भत्ता
बता दें कि सरकार ने देश में खेलों और खिलाड़ियों को नए धार देने के लिए हाल में आगामी ओलंपिक, एशियार्ड और कॉमनवेल्थ खेलों के लिए चुने गए टॉप 152 एथलीटों को प्रतिमाह 50-50 रुपये बतौर भत्ता देने का ऐलान किया है। इस सब के बीच खेल मंत्री राठौड़ ने बताया कि खेलों इंडिया योजना के तहत खेलों के आधारभूत ढांचे, सामुदायिक खेल, प्रतिभा की खोज, खिलाड़ियों को प्रक्षिणक, कोच पर खासा ध्यान दिया जाएगा। राठौड़ ने इस दौरान कहा कि योजना के तहत चुने जाने वाले हर एथलीट को लगातार आठ साल तक प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की स्कॉलरशिप दी जाएगी।
फिटनेस होगी प्राथमिकता में
इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार के इस कार्यक्रम के जरिए खिलाड़ियों की फिटनेस पर खासा ध्यान दिया जाएगा। उनकी ट्रेनिंग से लेकर उनके खाने-पीने पर भी खासा ध्यान दिया जाएगा। फिटनेस को ध्यान में रखते हुए और आने वाले सालों में होने वाली प्रतियोगिताओं के मद्देनजर अभी से बड़ी भारी संख्या में 10 से 18 साल तक के बच्चों को आगे लाया जाएगा और उन्हें फिटनेस पर ध्यान देने लिए जागरूक किया जाएगा।
युवा-प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए कार्यक्रम
राठौड़ ने इस दौरान कहा कि यह पहला मौका होगा जब ऐसा कोई कार्यक्रम देश के युवा-प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को इस तरह मौका दे रहा है। इसकी मदद से खिलाड़ी अपनी प्रतिभा को दिखा सकेंगे। इसके लिए देश के 20 विश्वविद्यालयों को खेल हब के रुप में प्रोत्साहित किया जाएगा।