नई दिल्ली । 17वीं लोकसभा के साथ ही सोमवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत हो गई । 40 दिन चलने वाले इस सत्र की शुरुआत सासंदों की शपथ ग्रह के साथ हुई । इस दौरान अहम रहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बगल में राजनाथ सिंह का बैठना । सरकार में उन्हें रक्षामंत्री का पद दिए जाने के बाद ऐसे कयास भी लगाए जा रहे थे कि संसद में मोदी के बगल वाली सीट पर गृहमंत्री अमित शाह बैठ सकते हैं। वहीं पहली बार चुनकर संसद में आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह उस जगह बैठे नजर आए जहां अमुमन पूर्व विदेशमंत्री सुषमा स्वराज बैठा करती थीं ।
बता दें कि सदन में सीट मंत्री पद में वरिष्ठता या फिर कितनी बार जीत दर्ज कर वे आए, इस आधार पर मिलती आई है । नई लोकसभा की शुरुआत के साथ ही जहां अमित शाह को गृहमंत्री बनाया गया , तभी से इन बातों के कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार में नंबर 2 की पोजिशन पर कौन का नेता नजर आए । पहले शपथ ग्रहण समारोह में जहां पीएम मोदी के बाद राजनाथ सिंह ने शपथ ली, वहीं तीसरे नंबर पर अमित शाह पद और गोपनीयता की शपथ लेते दिखे थे ।
इसके बाद ऐसा माना जा रहा था कि एक बार फिर से राजनाथ सिंह को गृहमंत्री का पद दिया जाएगा , लेकिन गृहमंत्री का पद उनके बजाए अमित शाह को दिए जाने पर सरकार में नंबर 2 की स्थिति को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई थी ।अब नई सरकार के पहले दिन सदन के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बगल में बैठने के साथ ही साफ हो रहा है कि लोकसभा में उपनेता बनाए गए राजनाथ सिंह सरकार में दूसरे नंबर के मंत्री हैं । हालांकि उन्हें गृहमंत्री के बजाए रक्षामंत्री बनाए जाने पर ऐसा कहा जा रहा था कि उन्हें पार्टी में तीसरे नंबर का मंत्री बनाया गया है ।
इस बार लोकसभा के भीतर का नजारा भी पूरी तरह बदल गया है । जहां एक समय सत्तापक्ष की सुषमा स्वराज बैठा करती थीं, इस बार वहां अमित शाह बैठे नजर आए । वहीं जहां एक समय भाजपा के संस्थापक सदस्य रहे लालकृष्ण आडवाणी बैठा करते थे, उस जगह थावरचंद गहलोत नजर आए ।
इन सभी सीटों के अलावा थावरचंद गहलोत के बाद नितिन गडकरी, सदानंद गौड़ा, फिर रविशंकर प्रसाद, नरेंद्र सिंह तोमर और हरसिमरत कौर पहली ही पंक्ति में दिखे । उनके बाद रामविलास पासवान भी दिखे, हालांकि वह इस बार लोकसभा सांसद नहीं हैं । लेकिन मंत्री होने के नाते वह सदन में दिखे ।
वहीं इस बार सदन में पिछली लोकसभा के कई सदस्य नजर नहीं आए । इनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज, मल्लिकार्जुन खड़गे, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे बड़े नाम शामिल हैं ।