नई दिल्ली। उत्तरपूर्वी राज्य असम में रहने वाले लाखों लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। नेशनल रजिस्टर आॅफ सिटीजन्स (एनआरसी) ने दूसरा ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इस सूची के तहत असम में रहने वाले करीब 2 करोड़ 89 लाख लोगों को ही वहां का नागरिक माना गया है और 40 लाख लोगों को भारत की नागरिकता नहीं मिली है। इसका मतलब है कि ये सभी लोग या तो बांग्लादेशी हैं या फिर अवैध तरीके से यहां रह रहे हैं। एनआरसी के स्टेट को-आर्डिनेटर प्रतीत हजेला ने यह जानकारी दी है।
गौरतलब है कि असम की कुल जनसंख्या 3 करोड़ 29 लाख है। इस उत्तरपूर्वी राज्य में कई सालों से अवैध तरीके से आकर बसने वाले बांग्लादेशियों का मुद्दा उठाया जा रहा है। पिछले 3 सालों से यहां के मूल निवासियों की सूची अपडेट करने के लिए एनआरसी को अपडेट करने का काम जारी है। इस सूची का प्रकाशन 30 जून को ही होना था लेकिन उत्तरपूर्व में आई प्राकृतिक आपदा के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसकी अवधि एक महीने के लिए बढ़ा दी थी।
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यहां बता दें कि एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हलेजा ने बताया कि मसौदा राज्य के सभी एनआरसी सेवा केंद्रों पर प्रकाशित कर दिया गया है। आवेदक सूची में अपना नाम, पता और फोटो देख सकते हैं। इसके साथ ही एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया है जिसपर फोन कर यह पता लगाया जा सकता है कि उन्हें भारत की नागरिकता मिली है या नहीं।