जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है। पिछले 9 बार से झुंझनू से भाजपा की विधायक रहीं और कद्दावर जाट नेता सुमित्रा सिंह ने गुरुवार को कांग्रेस का हाथ थाम लिया। सुमित्रा सिंह ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर सिंह ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिव पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव अविनाश पांडे की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। बता दें कि सुमित्रा सिंह वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल के दौरान विधानसभा की अध्यक्ष रही थीं। ऐसे में उनका कांग्रेस में शामिल होना भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
गौरतलब है कि सुमित्रा सिंह ने 2013 में चुनाव के दौरान टिकट ने मिलने पर नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इसके बाद भाजपा ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। ऐसे में उनके कांग्रेस में शामिल होने से झुंझनू में राजनीतिक समीकरण के बदलने की आशंका जताई जा रही है। बता दें कि सुमित्रा सिंह ने भाजपा के प्रति अपनी नाराजगी जता चुकी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया उससे कोई नाराजगी नहीं लेकिन उन्होंने बाहर से आए उम्मीदवार को टिकट देने पर नाराजगी जताई है।
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यहां बता दें कि सुमित्रा सिंह ने कहा कि वे झुंझनू में ऐसे उम्मीदवार का समर्थन करेंगी जो भाजपा के उम्मीदवार को हराने की क्षमता रखता हो। आपको बता दें कि सुमित्रा सिंह पहली बार 1957 में पिलानी से कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित होकर पहली बार विधायक बनीं। उसके बाद 1962 से लगातार चार बार झुंझनूं से विधायक का चुनाव जीता। 1985 में इंडियन नेशनल लोकदल, 1990 में जनता दल के उम्मीदवार के रूप में और उसके बाद पिलानी से तथा 1998 में निर्दलीय और 2003 में भाजपा के टिकट पर झुंझनू से विधायक बनीं।