इलाहाबाद । देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री में शामिल आरुषि हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने देश के इस बहुचर्चित हत्याकांड में सीबीआई कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए डेंटिस्ट दंपति राजेश और नुपुर तलवार को बरी कर दिया है। दोनों को तत्काल प्रभाव से जेल से छोड़ने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने अपना फैसले में दोनों को संदेह का लाभ दिया है।कोर्ट ने साफ किया कि इस दौरान जांच में पुख्ता सबूत की कमी थी। कोर्ट ने कहा कि ऐसे सबूतों के आभाव में तो सुप्रीम कोर्ट भी राहत देती। हालांकि इससे पहले सीबीआई कोर्ट ने नवंबर 2013 में तलवार दंपति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसे चुनौती देते हुए दंपति ने इलाहाबाद कोर्ट का रुख किया था। तलवार दंपति अभी गाजियाबाद की डासना जेल में बंद है।
जस्टिस मिश्रा ने गिनाई कई खामियां
कोर्ट नंबर 40 में हो रही इस सुनवाई के दौरान जस्टिस मिश्रा ने कोर्ट में जांच एजेंसियों की कई खामियों को भी उजागर किया।
सीबीआई की दलीलों में मिला था विरोधाभास
बता दें कि सीबीआई कोर्ट की उम्रकैद की सजा को चुनौती देने वाला याचिका पर फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति बीके नारायण एवं न्यायमूर्ति एके मिश्र की खंडपीठ ने अपना फैसला सुनाया। इससे पहले पीठ ने मामले की सुनवाई होने के बाद 11 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षा कर लिया था। हालांकि बाद में कोर्ट ने सीबीआई की कुछ दलीलों में विरोधाभास पाते हुए सुनवाई फिर से शुरू करने का निर्णय लिया था। इसके बाद कोर्ट ने तलवार दंपति को लेकर अपना फैसला 12 अक्टूबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।
...क्या हुआ था 16 मई 2008 को
बता दें कि देश के इस बहुचर्चित हत्याकांड को 16 मई 2008 को अंजाम दिया गया था। नोएडा के जलवायु विहार के फ्लैट नंबर एल-132 में 14 साल की आरुषि तलवार की लाश मिली थी। उसकी हत्या गला रेतकर की गई थी। शुरुआती दौर में हत्या का शक घर के नौकर हेमराज पर गया लेकिन अगले ही दिन उसका शव भी फ्लैट की छत पर पड़ा मिला। इस हत्याकांड में नोएडा पुलिस ने 23 मई को डॉ राजेश तलवार को बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले की जांच एक जून को सीबीआई को सौंप दी गई थी।
...मर्डर मिस्ट्री से जुड़े कुछ तथ्य
-सीबीआई ने इस मामले की जांच की, बाद में गाजियाबाद कोर्ट में 26 नवंबर, 2013 को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए तलवार दंपति को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद से तलवार दंपति जेल में बंद हैं।
-हालांकि इस दौरान कोर्ट ने आरुषि-हेमराज हत्याकांड को ‘रेयरेस्ट ऑफ द रेयर’ की सूची में रखने से मना कर दिया। हालांकि यह भारत के सबसे चर्चित आपराधिक मामलों में से एक गिना जाता है।
-देश के इस बहुचर्चित मामले को लेकर बॉलीवुड में एक फिल्म बन चुकी है। जिसमें काफी हद तक सीबीआई की जांच और उनकी दलीलों को फिल्म में दिखाया गया था।