नई दिल्ली । देश के तीन राज्यों में आगामी कुछ दिनों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। राजस्थान , मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए कांग्रेस ने अपनी रणनीतियों को अंजाम देना शुरू कर दिया है, लेकिन इस सब के बीच चुनावों से पहले कांग्रेस को शनिवार एक बड़ा झटका लग गया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामदयाल उईके ने कांग्रेस का हाथ छोड़ते हुए भाजपा का कमल थाम लिया है। दो दिवसीय यात्रा पर छत्तीसगढ़ पहुंचे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बिलासपुर में उन्हें पार्टी की सदस्यता ग्रहण करवाई।
काग्रेस आलाकमान से थे नाराज
बता दें कि राज्य के कार्यकारी अध्यक्ष रामदयाल पिछले कुछ समय से पार्टी आलाकमान की नीतियों से खासे नाजार थे। उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए ही पार्टी ने उन्हें प्रदेश का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था। लेकिन बावजूद इसके उनकी मांगों को लेकर कांग्रेस आलाकमान कोई ठोस जवाब नहीं दे रहा था। असल में रामदयाल उईके ने कोर कमेटी में नाम नहीं आने और आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग पर कांग्रेस आलाकमान से नाराज थे। उनकी विधानसभा सीट से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रमुख हीरासिंह मरकाम के कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद भी यह झगड़ा बढ़ा था।
जोगी के करीबी लोगों में शामिल थे
बता दें कि रामदयाल पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के काफी करीबी लोगों में शुमार रहे थे। रामदयाल उइके 2003 में विधायक खरीद फरोख्त कांड के अहम किरदार रहे हैं । 2003 में विधायक खरीद -फरोख्त कांड के बाद पार्टी ने उन सभी विधायकों पर सख्ती बरतने के का फैसला किया था, जो भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। उस दौरान भाजपा ने रामदयाल को गद्दार करार देते हुए उन्हें आगे कभी भी पार्टी में शामिल नहीं करने की बात कही थी लेकिन मौजूदा राजनीति समीकरणों के बीच उन्हें दोबारा पार्टी में शामिल किया गया है।
मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी
एक समय भाजपा ने जिस रामदयाल उईके को गद्दार करार देते हुए कभी दोबारा भाजपा का सदस्य नहीं बनाने का ऐलान किया था , उसी भाजपा ने अपने हित देखते हुए उन्हें पार्टी की सदस्या की दोबारा शपथ दिलाई। खुद अमित शाह उन्हें शपथ दिलाने के लिए बिलासपुर में मौजूद थे। अब सूत्रों का कहना है कि भाजपा रामदयाल उईके को सरकार बनने की सूरत में किसी बड़े पद पर बैठा सकते हैं। उनके भाजपा में आने पर उन्हें ऐसा आश्वासन भी दिया गया है।