नई दिल्ली । सुप्रीमकोर्ट ने मंगलवार जजों के रिश्वत वाले केस की जांच एसआईटी से कराने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज को मान्यता देने के लिए जजों के रिश्वत लेने संबधी आरोपों को परेशान करने वाला बताते हुए कहा कि इस मामले में किसी जज का नाम नहीं लिया गया है, न ही एफआईआर में किसी का नाम है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के निराधार आरोपों से न्यायपालिका की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है।
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने कहा, 'हम भी कानून से ऊपर नहीं हैं और सभी जरूरी प्रक्रियाओं का पालन होना ही चाहिए। इस मामले में कोई एफआईआर सुप्रीम कोर्ट के किसी जज के खिलाफ नहीं दर्ज की गई। सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ निराधार आरोपों की वजह से संस्था के सम्मान को ठेस पहुंची है। यह बहुत अफसोसजनक है कि ऐसे आरोपों के कारण न्यायिक संस्था को बेवजह ही शक के घेरे में रखा गया।
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बता दें कि पिछले सप्ताह गुरुवार को ही कोर्ट ने स्वतंत्र याचिका पर सुनवाई की मंजूरी दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने जजों के नाम से कथित रूप से रिश्वत लेने से संबंधित याचिका को संविधान पीठ को सौंप दिया है। गुरुवार को इस याचिका की सुनवाई का जिम्मा संविधान पीठ को सौंपा था। पहली बार इस तरह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने सुनवाई की। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के 3 रिटायर्ड जजों के खिलाफ इस तरह याचिका को सुनवाई के पहले दिन ही खारिज कर दिया था।