नई दिल्ली। लाभ के पद मामले में आम आदमी पार्टी बैकफुट पर आ गई है। पार्टी ने चुनाव आयोग खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका वापस ले ली है। बता दें कि चुनाव आयोग ने लाभ के पदों बने 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी। तत्कालीन चुनाव आयुक्त ने राष्ट्रपति से भी सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी। बता दें कि आम आदमी पार्टी के विधायकों ने अपने ऊपर लगे लाभ के पदों के आरोप के खिलाफ चुनाव आयोग के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। विधायकों ने कहा था कि जब हाईकोर्ट ने संसदीय सचिवों के तौर पर उनकी नियुक्तियां रद्द कर चुका है तो चुनाव आयोग के मामले में सुनवाई की कोई मामला ही नहीं बनता है।
आपको बता दें कि प्रशांत पटेल नाम के एक व्यक्ति ने आप के 21 विधायकों के खिलाफ चुनाव आयोग में लाभ के पद से जुड़ी याचिका दायर की थी लेकिन जरनैल सिंह के दिल्ली से पंजाब चुनाव लड़ने के लिए जाने के बाद 20 विधायकों पर मामला चल रहा था। अब आम आदमी पार्टी ने न्यायमूर्ति रेखा पल्ली के समक्ष कहा कि वे पूर्व में दायर अपनी याचिका वापस लेने जा रहे हैं क्योंकि उन्होंने हाई कोर्ट की एक वृहद पीठ के सामने अपनी अयोग्यता को चुनौती दी है। दूसरे पक्ष से किसी तरह का विरोध ना होने पर अदालत ने चुनाव आयोग के 23 जून, 2017 के फैसले को चुनौती देने वाली विधायकों की याचिका वापस ली हुई मानकर खारिज कर दी।
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