नई दिल्ली। ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में लगातार अवैध तरीके से निर्माणाधीन इमारतों के गिरने का सिलसिला जारी है। रविवार को गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र 5 मंजिला निर्माणाधीन इमारत के गिरने से 2 लोगों की मौत हो गई और 9 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। एनडीआरएफ की टीम मौके पर राहत और बचाव कार्य चला रही है। इमारतों के गिरने के बाद अब प्रशासन की नींद खुली है। सोमवार को प्रशासन ने अवैध तरीके से निर्माणाधीन इमारतों को 7 दिनों के अंदर गिराने के निर्देश दिए हैं इसके लिए बाकायदा नोटिस भी चस्पा कर दिए गए हैं। प्रशासन की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर नोटिस का उल्लंघन किया जाता है तो प्रशासन खुद ही इमारत को गिरा देगा।
गौरतलब है कि प्रशासन के इस फैसले के बाद वहां रहने वाले लोगों के माथे पर बल गए हैं। उनका कहना है कि वे कहां जाएंगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस समय निर्माण हो रहा था उस समय प्रशासन ने बिल्डरों को क्यों नहीं रोका? वहीं अब मकानों को खाली करने का नोटिस चस्पा होने के बाद उनलोगों की परेशानियां और भी बढ़ गई हैं। उत्तरप्रदेश सरकार ने भी कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
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यहां बता दें कि ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में भी पिछले दिनों 2 इमारतों के गिरने की वजह से कई लोगों की जानें चली गई थी। भारी बारिश और रास्ता संकरा होने की वजह से रेस्क्यू आॅपरेशन में दिक्कतें भी आई थी। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गाजियाबाद इलाके में हुई दुर्घटना का संज्ञान लेते हुए मंडलायुक्त मेरठ, डीएम गाजियाबाद और एडीएम वित्त एवं राजस्व की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर दी है। प्रदेश सरकार ने मृतक के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की है।