नई दिल्ली । एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (न्यू) ने हाल में अपनी एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी की चिंता बढ़ गई है । एडीआर की इस रिपोर्ट से सामने आया है कि केंद्र की मोदी सरकार ने जिस तरह दागियों और आपराधिक छवि के नेताओं को राजनीति और सत्ता से दूर रखने की बातें कहीं थीं, वो हवाई साबित हुई हैं। असल में देश की सभी पार्टियों के सांसदों और विधायकों ( जिनपर आपराधिक मामले दर्ज हैं) की एक रिपोर्ट जारी हुई है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भाजपा के कम से कम 16 सांसदों और विधायकों के खिलाफ अपहरण से संबंधित आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह किसी भी दल की तुलना में सबसे ज्यादा है। खास बात ये है कि अपहरण से संबंधित आरोपों की घोषणा करने वाले विधायकों में बिहार व उत्तर प्रदेश से नौ-नौ माननीय हैं।
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मोदी का वायदा हुआ हवाई
असल में पिछले लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत पाने वाली एनडीए सरकार के पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे अपने कार्यकाल में कोशिश करेंगे कि संसद आपाराधिक छवि वे सांसदों से मुक्त हो जाए। इस दौरान उन्होंने साफ किया था कि वह ऐसे सांसदों और विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने मे जरा भी कौताही नहीं बरतेंगे। ऐसे में मोदी सरकार के चार साल पूरे होने पर एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (न्यू) एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है। इसमें भाजपा की मोदी सरकार के दावे हवाई साबित हुए हैं।
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कुछ 64 सांसद-विधायकों पर अपहरण के दाग
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के कुल 4,867 सांसद-विधायकों में से कुछ नेता ऐसे हैं, जिनपर गंभीर आरोप लगे हैं। रिपोर्ट के अनुसार , 21 प्रतिशत माननीयों ने अपने हलफनामे में यह घोषित किया है कि उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसमें से 64 ने अपने खिलाफ अपहरण से संबंधित मामलों की घोषणा की है। इसमें से 17 विभिन्न राजनीतक दलों से ताल्लुक रखते हैं, जबकि चार निर्दलीय हैं।
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भाजपा शीर्ष पर, कांग्रेस-राजद के 6-6 सदस्य
एडीआर ने अपनी इस सूची में जिन माननीयों का जिक्र किया है, उसमें सबसे ज्यादा सांसद-विधायक भारतीय जनता पार्टी के हैं। भाजपा के 16 सांसद और विधायकों के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं। इस क्रम में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के 6-6 सदस्य इस सूची में शामिल हैं । सूची में राकांपा के 5, बीजद और द्रमुक के 4-4, सपा- तेदेपा के 3-3, तृणमूल कांग्रेस, माकपा, और शिवसेना के दो-दो सदस्य शामिल हैं। लोजपा , जद (यू), टीआरएस और उत्तर प्रदेश की निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य का नाम भी शामिल है।
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