नई दिल्ली। बरेली में तलाक की भुक्तभोगी एक महिला ने मंगलवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उसके पति ने उसको एक कमरे में महीने भर से बंद रखा था और भोजन भी नहीं देता था। रजिया की बहन का कहना है कि रजिया को फोन पर तीन तलाक दे दिया गया। छह साल के बच्चे की मां रजिया को दहेज के लिए भी प्रताड़ित किया गया। उसका पति दहेज के लिए उसके साथ मारपीट करता था। बीते एक महीने से पर्याप्त भोजन नहीं मिलने और मारपीट के कारण अखिरकार रजिया ने मंगलवार को दम तोड़ दिया।
रजिया को एक महीने तक घर में बंद रखने के बाद उसके पति ने उसे संबंधियों के पास छोड़ दिया। रजिया की बहन ने कहा कि जैसे ही उसे इस बात की जानकारी मिली वह वहां पहुंची। रजिया की बहन ने कहा कि उसके बाद हमलोग पुलिस के पास मामला दर्ज कराने के लिए गए लेकिन पुलिस ने किसी तरह का मामला दर्ज नहीं किया। 'मेरा हक' एनजीओ के संस्थापक फरहत नकवी ने कहा कि रजिया के पति की पहले भी शादी हुई थी और वह पहली पत्नी के साथ भी इसी तरह मारपीट करता था। रजिया को पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां से डाॅक्टरों ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया लेकिन नाजुक स्थिति होने के कारण फिर वापस भेज दिया गया। बरेली की यह घटना दर्शाती है कि मुस्लिम समाज में आज भी महिलाओं की स्थिति बेहद खराब है। महिलाओं पर जुल्म किए जाते हैं और बराबरी का दर्जा नहीं दिया जाता है। इस समाज में महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा के मामले सर्वाधिक देखने को मिलते हैं। हालांकि शरियत के नियमों के खिलाफ महिलाएं अवाज उठाने लगी हैं लेकिन ऐसी महिलों की तादाद अभी भी बहुत कम है।