लखनऊ। उत्तरप्रदेश की सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टाॅलरेंस की बातें करती है। ऐसे में एक स्टिंग आॅपरेशन के जरिए मंत्रियों के दफ्तर में भ्रष्टाचार की बातों को दिखाए जाने के बाद सरकार में हड़कंप मचा हुआ है। बता दें कि स्टिंग आॅपरेशन में मंत्रियों के विधानभवन स्थित कार्यालय कक्ष में उनके निजी सचिवों की तबादले, पट्टा और ठेका दिलाने के लिए डीलिंग की बात की जा रही हैं। स्टिंग सामने आने के बाद अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन महेश चंद गुप्ता ने तीनों निजी सचिवों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि दोषी लोगों के खिलाफ गाज गिर सकती है।
गौरतलब है कि स्टिंग आॅपरेशन में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप बेसिक शिक्षा विभाग में तबादला कराने के लिए 40 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा स्कूलों में बैग एवं ड्रेस की सप्लाई के ठेके के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल के पति से डील कराने की बात हो रही है। यह पूरा खेल मंत्री राजभर के विधानभवन स्थित कार्यालय से चल रहा था।
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आपको बता दें कि राजभर के निजी सचिव ओपी कश्यप तो बच्चों को दिए जाने वाले जूते-मोजे के टेंडर में कमीशन मांग रहे हैं। मामला सामने आने पर मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि उन्होंने मंत्रालय के प्रमुख सचिव महेश गुप्ता को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वहीं स्टिंग में खनन राज्यमंत्री अर्चना पांडे के निजी सचिव भी खनन पट्टा दिलाए जाने की बात कर रहे हैं। सरकार की ओर से इन मामलों में कार्रवाई की बात कही गई है। मंत्री अर्चना पांडे ने तो निजी सचिव की एसआईटी से जांच कराने की बात कही है।
गौर करने वाली बात है कि स्टिंग में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री के निजी सचिव संतोष अवस्थी का नाम भी शामिल है। अवस्थी मंत्री के कमरे में ही किताबों का ठेका दिलाने के लिए डील कर रहे हैं जिसमें निजी सचिव अपने हिस्से की मांग कर रहे हैं।